जफर अहमद, ब्यूरो रिपोर्ट
मधेपुरा/सहरसा/बिहार!
ऑल इंडिया आइडियल टीचर्स एसोसिएशन ( AIITA) बिहार के सहरसा इकाई के संगठन प्रभारियों व सदस्यों ने जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना सहरसा से भेंट कर NIOS द्वारा चलाए गए प्रशिक्षण कार्यक्रम से प्रशिक्षित होने वाले शिक्षकों में अताउर रहमान एवं अन्य बनाम राज्य सरकार के हाईकोर्ट के फैसले से उपजे संशय पर बात की।
ज्ञात हो कि बीते दिनों पटना हाई कोर्ट के एक फैसले ने बिहार के वैसे शिक्षकों जिनका 2 वर्षीय सेवाकालीन प्रशिक्षण एनआईओएस के द्वारा पूर्ण हुआ है, में संशय पैदा कर दिया है। शिक्षकों में इस बात को लेकर आशंका फैली हुई है कि वैसे शिक्षक जिनका प्रशिक्षण तो 31 मार्च 2019 के पूर्व हो गया है परंतु परीक्षाफल 22 मई 2019 को निर्गत किया गया उनका फिर से वेतन निर्धारण किया जा सकता है जिससे ना सिर्फ उनके वेतन में कटौती हो जाएगी बल्कि सेवा में उनका अब तक का अनुभव भी लगभग नगण्य हो जाएगा ।
AIITA के बिहार प्रदेश अध्यक्ष शाहिद जलाल ने जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना, सहरसा से इसी मुद्दे पर भेंट की और स्पष्ट किया कि यह शिक्षक 31 मार्च 2019 से पहले प्रशिक्षित हो चुके हैं , इनका परीक्षाफल मई 2019 में निर्गत किया गया अतः यह उच्च न्यायालय के संबंधित फैसले की परिधि में नहीं आते । इस संदर्भ में उन्होंने MHRD, भारत सरकार व NIOS के पत्रों का भी हवाला दिया तथा कहा कि इस पर सक्षम प्राधिकार से अनुमति भी प्राप्त है ।
अतः इन्हें अताउर रहमान एवं अन्य बनाम राज्य सरकार वाले फैसले की परिधि से अलग रखा जाए तथा इन्हें पूर्व निर्धारित वेतन संरचना पर ही रखा जाए ,नए सिरे से इनका वेतन निर्धारण ना किया जाए। AIITA के बिहार प्रदेश अध्यक्ष ने बताया कि इस पर डीपीओ साहब का सकारात्मक बयान आया है , वे उच्च प्राधिकार से मार्गदर्शन प्राप्त कर रहे हैं और उन्होंने आश्वासन दिया है कि वैसे शिक्षक जिन का परीक्षा रहेफल 22 मई 2019 को निर्गत किया गया है, उम्मीद है वह इस फैसले की परिधि से बाहर रहेंगे।
इस अवसर पर AIITA, सहरसा के ज़िला प्रभारी शाहिद अनवर, नजरे उद्दीन, तबरेज आलम, सरफराज आलम , अकबर अली, वसीम अकरम, मुहम्मद अनवर, इत्यादि शिक्षक उपस्थित रहे।
© Copyright All rights reserved by India Khabar 2025