ब्यूरो चीफ़ हफ़ीज अहमद खान
कानपुर नगर, उत्तर प्रदेश।
शिक्षकों की समस्याओं को लेकर हरिशचंद दीक्षित मैदान में उतर आए उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रांतीय अध्यक्ष हरीश चंद्र दीक्षित ने मंडलायुक्त व संयुक्त शिक्षा निदेशक को ज्ञापन सौंपा पत्रकारों से वार्ता कर बताया कि
बताया कि वित्त नियंत्रक (मा०), शिक्षा निदेशालय, उ०प्र० तथा संस्कृत अनुभाग द्वारा आवंटित वेतन अनुदान 31 मार्च, 2023 तक भुगतान न होने के कारण अभ्यर्पित होने से 11 संस्कृत शिक्षक माह नवम्बर 2022 से लम्बित मानदेय भुगतान से वंचित रखने में और अनुमन्यता सम्बन्धी धन आवंटन के बावजूद डॉ० अनवेश सिंह पूर्व प्रधानाचार्य सम्प्रति तदर्थ प्रधानाचार्य, चाचा नेहरू इण्टर कालेज, गोविन्द नगर, कानपुर एवं संजय बाजपेई, शिक्षक नेहरू इण्टर कालेज, अरौल के एरियर भुगतान से वंचित रखने में जिला विद्यालय निरीक्षक कानपुर एवं वित्त एवं लेखाधिकारी (मा०) दोषी।
बताया गया कि मैराथन प्रयास के बाद डॉ० अनवेश सिंह ने अपना एरियर तथा धनावंटन कराया था जो जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय द्वारा पारित न करके भुगतान से वंचित किया गया। इसी प्रकार संजय बाजपेई, शिक्षक नेहरू इण्टर कालेज, अरौल ने उपस्थित होकर एरियर बिल तथा धनावंटन आदेश प्रस्तुत किया परन्तु बिल पारित करने से मना कर दिया गया। इसी प्रकार 11 संस्कृत आचार्यों को मानदेय का बकाया वेतन भुगतान नही किया गया। प्रमुख रूप से बिठूर-1, मन्धना-2, बैरी शिवराजपुर-1, सनिगवा-1, रावतपुर- 2, पतारा-3, नानकारी-1 आदि प्रमुख हैं।
खेदजनक तथ्य तो यह है कि 11 संस्कृत शिक्षकों को मानदेय विगत माह नवम्बर 2022 से फरवरी 2023 तक बकाया था तथा मानदेय अनुदान भी निदेशालय द्वारा आ चुका था परन्तु 11 में 6 महिलाएँ तथा 2 पुरुष संस्कृत आचार्य मानदेय से जबरदस्ती वंचित किये गये। इस सम्बन्ध में संगठन उच्चाधिकारियों को ज्ञापन देगा तथा दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की माँग करेगा।
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