शहाबुद्दीन अहमद
बेतिया, बिहार।
प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष 16 नवंबर को अंतरराष्ट्रीय प्रेस दिवस के अवसर पर जिला प्रशासन के स्तर से समय पर कार्यक्रम के आयोजित होने की सुचना प्रसारित नहीं करना शर्मनाक घटना है,इसके साथ ही खेदजनक भी है,इतना ही नहीं,भारतीय संविधान के अंतर्गत मान्यता मिले,चौथे स्तंभ की विशेषता,महत्ता पर क्रूरता मजाक है,साथ ही इस विशेष दिन की महानता पर प्रश्न चिन्ह खड़ा कर रहा है।यह घटना इस जिले के लिए काफी शर्म की बात है,साथ ही जिला प्रशासन और जिला के मुखिया के साथ डीपीआरओ कार्यालय के मुंह पर भरपूर तमाचा जैसा है।इसके पूर्व विगत वर्षों में इस मौके पर जिला समाहरणालय के सभागार में अंतर्राष्ट्रीय प्रेस दिवस के अवसर पर जो भी कार्यक्रमआयोजित किए गए थे,वह इसके मानक के अनुरूप नहीं था,केवल जिला प्रशासन के द्वारा खानापूर्ति की गई थी,यह एकमात्र छलावा साबित हुआ था।इस मौके पर,जिला के सभी पत्रकार बंधुओ के द्वारा कार्यक्रम में,जिला स्तरीय पदाधिकारी की उपस्थिति में बहुत सारी मांग रखी गई थी,जिसमे, बेतिया प्रेस क्लब के भवन को पत्रकारों को सौंप दिया जाए ताकि वह अपना विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम,समूह की आवश्यक बैठक को आसानी से कर सकें, इसके अलावा पत्रकार बंधुओ की सुरक्षा के गारंटी,पत्रकार बंधुओ के द्वारा जिला के ज्वलंत समस्याओं पर सुझाए गए बिंदुओं पर त्वरित कार्रवाई करने व अमल करने की बात उठाई गई थी, मगर इसका नतीजा ढाक के तीन पात जैसा हो गया।जिला प्रशासन के इस संवेदनहीनता का जितना भी आलोचना की जाए वह कम होगी। जिला प्रशासन और डीपीआरओ कार्यालय संयुक्त रूप से इसके दोषी हैं,इसकी जितना भी निंदा की जाए वह कम पड़ेगी। इस घटना के बाद जिला के सभी पत्रकार चाहे वह प्रिंटमीडिया,इलेक्ट्रॉनिक मीडिया,डिजिटल मीडिया के सभी पत्रकार बंधुओ से विनती है कि जिला प्रशासन के द्वारा कराए जा रहे सभी,बैठकों, कार्यक्रमों,क्रियाकलापों का बहिष्कार करें।
© Copyright All rights reserved by India Khabar 2025