जीत को लेकर बड़ा दावा
रिपोर्ट: विनोद विरोधी
गया, बिहार।
पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने गुरुवार को गया संसदीय सीट से नामांकन पत्र दाखिल किया। हिन्दुस्तानी अवाम मोर्च के प्रमुख जीतन राम मांझी को एनडीए ने सीट बंटवारे में गया की एक मात्र सीट दी है। गया में पहले चरण में 19 अप्रैल को चुनाव है। गया सीट अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित हैं।.यहां से मांझी के मुकाबले राजद की ओर से कुमार सर्वजीत उम्मीदवार होंगे। यहां मुख्य मुकाबला जीतनराम मांझी और कुमार सर्वजीत के बीच ही माना जा रहा है। 28 मार्च को नामांकन के अंतिम दिन उन्होंने नामांकन किया है।
लगभग पांच दशकों के राजनीतिक सफर में जीतनराम मांझी मंत्री से मुख्यमंत्री तक कई अहम पदों पर रहें मगर कभी संसद सदस्य नहीं बन सके। जीतनराम मांझी ने पहली बार 1991 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर गया से चुनाव लड़ा था जो हार गए थे।मांझी ने 2014 में जदयू के टिकट पर दूसरी बार लोकसभा का चुनाव लड़ा लेकिन जीत नहीं मिली।वहीं पिछले लोकसभा चुनाव में उन्होंने महागठबंधन के समर्थन से लोकसभा चुनाव 2019 में किस्मत आजमाई लेकिन जीत नहीं मिली। ऐसे में चौथी बार लोकसभा चुनाव लड़ने उतरे मांझी के लिए यह चुनाव बेहद खास है।मांझी ने इस बार अपनी जीत को लेकर बड़ा दावा किया है.दरअसल, एनडीए में हुए सीट बंटवारे में गया की सीट हम के खाते में गई है। यहां से पार्टी ने अपने संरक्षक जीतनराम मांझी को उम्मीदवार बनाया है।पहले चरण के 19 अप्रैल को होने वाले चुनाव में गया में वोटिंग होनी है। ऐसे में गया इस बार एनडीए के लिए बेहद प्रतिष्ठा की सीट बनी है। पिछली बार यहां से भाजपा को जीत मिली थी। अब एनडीए को अपनी यह सीट बचानी है लेकिन इस बार भाजपा के बदले हम के खाते में यह सीट है।
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