धनंजय शर्मा
बलिया। उत्तर प्रदेश के पूर्व नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने कहा है कि यह संविधान, लोकतंत्र, न्यायपालिका, कार्यपालिका, विधायिका गठित करने के लिए प्रतिनिधि चुनने का बराबर का अधिकार और आजादी अनगिनित कुर्बानियों के बाद मिली है. इसे बचाने के लिए जान भी जाए तो मंजूर है लेकिन राजतंत्र की वापसी नहीं। शनिवार को अपने आवास पर जेपी बाबू के चित्र पर श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए बागी बलिया के सपूत उत्तर प्रदेश के पूर्व नेता प्रतिपक्ष राम गोविन्द
चौधरी ने कहा कि अडानी, अम्बानी के धन और लाठी के बल पर उनके कारिन्दे और कुछ लोग देश में फिर से राजतंत्र की वापसी का सपना देख रहें हैं.ये सपना देखने वाले लोग जल्द ही तरह तरह के वेश में पीडीए के दरवाजों पर गिड़गिड़ाते दिखेंगे. उन्होंने कहा कि साथियों यही समय होगा, राजतंत्र वापसी के मंसूबों पर पानी फेरने का, इस समय चूके तो सदा सदा के लिए चुक जाइएगा।
श्री चौधरी ने कहा कि सावधान रहिएगा, आपको डराया जाएगा, आपको सताया जाएगा, आपको पैसा दिया जाएगा कि आप या राजतंत्र की वापसी अभियान के पक्ष में बटन दबा दें या उनके लिए जो इसके विरोध में खड़े होकर राजतंत्र की तारीफ कर रहें है. उन्होंने कहा कि साथियों! वे लोग शिकारी हैं और हम आप गौरइया जैसे जीव हैं, हमें अपनी जान बचानी है, इज्जत बचानी है, अपना खेत, बाग बचाना है और उन्हें अपना राजपाठ वापस पाना है।
आगे चौधरी ने कहा कि इस सत्य को जन जन तक पहुंचाना ही आज जेपी बाबू को सच्ची श्रद्धांजलि है. उन्होंने कहा कि इस सत्य को जन जन तक पहुंचाने के लिए 22 नवम्बर को बांसडीह में एक विशाल सम्मेलन किया जाएगा। इस सम्मेलन में उन लोगों को भी बुलाया जाएगा जो समाजवादी पार्टी में तो नहीं हैं लेकिन राजतंत्र की वापसी के विरोधी हैं. इस अवसर पर सुशील कुमार पाण्डेय कान्हजी, रंजीत चौधरी, अंचल यादव, राजेंद्र जी, सुनील कुमार, प्रियांशु यादव आदि ने भी अपना अपना विचार रखा।
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