शहाबुद्दीन अहमद
बेतिया, बिहार
इन दोनों नवजात शिशुओं को कूड़ा पर,झाड़ी में फेंकने का मामला थमने को नाम नहीं ले रहा है, नितिन इस तरह की घटना सुनने और देखने को मिल रही है जहां मानवता शर्मसार हो रही है। लौरिया थाना क्षेत्र के एक गांव में इंसानियत और ममता दोनों की परख उदाहरण दी गई है एक और जहां एक निर्दय मैन अपने सभा महीने के मासूम को झाड़ियां में करने के लिए छोड़ दिया वहीं दूसरी ओर एक को अनजान महिला ने उसे बच्चों को अपनाकर अपनी ममता की छांव में गोद में झूला लिया। घटना के बारे में संवाददाता को पता चला है की लोरिया के ऐतिहासिक अशोक स्तंभ परिसर की बताई गई है सुबह के समय शौचालय सफाई कर्मी प्रतिदिन की तरह टहल रहे थे तभी झाड़ियां में किसी बच्चे के लगातार रन की आवाज सुनाई पड़ी जब उन्होंने मोबाइल की टोर्च की रोशनी डाली तो देखा कि लाल गमछे में लिपटा एक दोनों जाट तो पुत्र ठंड और दर्द से कर रहा था अरुण ने तुरंत अपनी पत्नी अमरावती देवी को बुलाया बच्चों को देखकर अमरावती की आंखें नम हो गई,बिना एक पल देवी किए नवजात को अपने गले से लगा लिया और उसे पालन पोषण करने के लिए ठान ली।
उस महिला ने कहा कि शायद यह ईश्वर की लीला है कि मुझे नवजात शिशु मिल गया,और अब से इस बच्चे की मां मैं हूं।
संवाददाता को महिला ने बताया कि उसे नवजात शिशु के नाभि के दाहिने को ऊपर की तरफ एक छिद्र है,जिससे वह मल मूत्र त्याग कर रहा है।
इस घटना से पूरे ग्रामीण क्षेत्र में तहलका मचा हुआ है सभी लोग बच्चा लेने वाली महिला की तारीफ कर रहे हैंऔर जिस महिला ने नवजात शिशु को झाड़ी में फेंका है, उसकी ग्रामीणों ने भर्त्सना,कोसना शुरू कर दी है।
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