संविधान की मुल धारणा अनुसार अपनी बच्चियों को अच्छी तालीमो व तरबियत देकर मज़बूत बनाएं - मुफ्ती सलीम नूरी
जिन रास्तों पर सामाजिक भेड़िए खडे हों उन पर अपनी बेटियो को जाने से रोकें - मुफ्ती आकिल
बरेली, उत्तर प्रदेश।
दरगाह आलाहज़रत के मदरसा मंज़र-ए-इस्लाम में 74 गणतंत्र दिवस समारोह खुब शानो-शौकत के साथ मनाया गया।दरगाह प्रमुख हज़रत सुब्हानी मियॉ साहब और सज्जादानशीन हजरत मुफ्ती अहसन मियां साहब ने यौमे जुमहुरियत की सब को मुबारकबाद दी।मीडिया प्रभारी नासिर कुरैशी ने बताया कि दरगाह आलाहज़रत परिसर में आयोजित इस यौमे जमहुरिया की खास बात यह रही कि मदरसे के शिक्षकों,आलिमों और मुफ्तियों ने महिला सशक्तिकरण के मुद्दे पर खुब रौशनी डाली।मुफ्ती मोहम्मद सलीम बरेलवी ने कहा कि मुस्लिम महिलाएं और बच्चियां शिक्षा के छेत्र में अभी भी बहुत पिछड़ेपन का शिकार हैं,उन्हे जमाने की ऊंच-नीच समझाने की जरूरत है तभी वह मजबूत व शक्तिशाली होकर अपनी आबरू और अपने धर्म,मसलक और परिवार की आबरू बचा सकती हैं।अच्छी शिक्षा और दीक्षा देकर उन्हें समाज के भेड़िओं से बचाया जा सकता है।मुफ्ती सलीम ने यह भी कहा कि आपसी सौहार्द को बढ़ावा देने की कोशिश करें और देश की मुख्यधारा से जुड कर अपने मुल मुद्दों की आवाज संवैधानिक तरीके से उठाएं।
मुफ्ती आकिल साहब ने कहा कि जहाँ भेड़िए खडे हों वहाँ अपनी बेटियों और महिलाओं को जाने से रोकें।
डाक्टर एजाज अंजुम ने कहा कि हमारा संविधान विश्व भर में सर्वश्रेष्ठ है,इस में अल्पसंख्यक मुस्लिमों को बहुत से अधिकर दिए गए हैं।मास्टर कमाल साहब ने छात्रो से संविधान की जानकारी हासिल करने और उस पर चलने की अपील की और गणतंत्र दिवस की अहमियत पर रौशनी डाली।
इस से पहले छात्रों ने तिरंगा लहराकर सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए।
इस कार्यक्रम में मुफ्ती कफील, मुफ्ती अफरोज, मुफ्ती मोइनुद्दीन, मौलाना अख्तर, कारी अब्दुल हकीम, मौलाना अबरारुल हक,सय्यद शाकिर, सय्यद जुल्फी,मास्टर इरफ़ान, मास्टर खालिद आदि सम्मिलित हुए।
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