सैय्यद फरहान अहमद
गोरखपुर, उत्तर प्रदेश।
तिवारीपुर में ही पुरुषों का जलसा हुआ। क़ुरआन-ए-पाक की तिलावत हुई। नात व मनकबत पेश की गई। अध्यक्षता करते हुए कारी मोहम्मद अफजल बरकाती व मुफ्ती शमशाद अहमद मिस्बाही ने कहा कि क़ुरआन-ए-पाक की तालीम हासिल करना हर मुसलमान के लिए जरूरी है। मुसलमानों को चाहिए कि वह अपने बच्चों को क़ुरआन जरूर पढ़ाएं। क़ुरआन पढ़ना और पढ़ाना बहुत सवाब का काम है।मुसलमान क़ुरआन व हदीस की तालीमात के मुताबिक ज़िंदगी गुजारें। तालीम पर मुसलमान ज्यादा ध्यान दें। तालिबे इल्म को चाहिए कि वह लगन के साथ क़ुरआन और दीन की तालीम हासिल कर पूरी दुनिया में इसकी रौशनी फैलाने का काम करें। पाबंदी के साथ नमाज़ पढ़ें क्योंकि नमाज़ हर बुराई से रोकती है। दीन-ए-इस्लाम में आम इंसानों के हुक़ूक के साथ-साथ वालिदैन के हुक़ूक, मियाँ-बीवी के हुक़ूक़, पड़ोसियों के हुक़ूक़ और मज़दूरों के हुक़ूक़ की अदायगी के लिए ख़ास हिदायात जारी फ़रमाई है। दीन-ए-इस्लाम में यतीमों, बेवाओं और मज़लूमों का ख़ास ख़्याल रखा गया है।
जलसे में हाफिज मो.अनस रजा व हाफिज अब्दुल वाहिद की दस्तारबंदी हुई। अंत में सलातो सलाम पढ़कर मुल्क में भाईचारगी की दुआ मांगी गई। जलसे में हाजी खुर्शीद आलम खान, अशरफ हुसैन सिद्दीक़ी, कारी सरफुद्दीन मिस्बाही, मुफ़्ती-ए-शहर अख़्तर हुसैन, मौलाना रियाजुद्दीन, मौलाना फिरोज, अफरोज रजा, मो. इदरीस, मो. अनीस, कारी मो. मोहसिन, नजरे आलम, मुफ्ती मुनव्वर आदि ने शिरकत की।
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