आज से पढ़ी जाएगी तरावीह की नमाज़।
गोरखपु, उत्तर प्रदेश।
बुधवार की शाम मुस्लिम समुदाय के लोग आसमान पर नजरें गड़ाए रहे, लेकिन माह-ए-रमज़ान के चांद का दीदार नहीं हुआ। उलमा किराम ने पुष्टि की है कि माह-ए-रमज़ान के चांद का दीदार भारत में कहीं भी नहीं हुआ है, इसलिए अब माह-ए-रमज़ान का पहला रोज़ा शुक्रवार 24 मार्च से शुरु होगा। जबकि तरावीह की नमाज 23 मार्च गुरुवार रात से शुरु हो जाएगी। माह-ए-रमज़ान का पहला रोजा करीब 13 घंटा 45 मिनट का होगा।
उधर बाजार में सहरी एवं इफ्तार के सामान की दुकानें सजने लगी हैं। बाजारों में रौनक छा गई है। नखास, रेती, घंटाघर, शाहमारुफ सहित मुस्लिम बाहुल्य मोहल्लों की फिज़ा में अलग सी चमक दिख रही है। जो इस बात की तस्दीक कर रही है कि रमज़ान में बाजार भी गुलजार होने को तैयार है। सहरी व इफ्तारी के सामानों की खरीदारी तेज हो हो गई। साहबगंज में खाद्य पदार्थों की खरीद फरोख्त बढ़ गई है। नखास पर सेवई, खजूर, टोपी व इत्र का जलवा है।
गुरुवार को मदरसा दारूल उलूम हुसैनिया दीवान बाजार, हजरत मुबारक खां शहीद जामा मस्जिद नार्मल, रेलवे म्यूजियम स्थित दरगाह हजरत कंकड़ शाह की मस्जिदे बेलाल सहित सभी मस्जिदों में तरावीह की नमाज पढ़ी जाएगी। हजरत मुबारक खां शहीद व मदरसा दारूल उलूम हुसैनिया दीवान बाजार आदि में भारी भीड़ उमड़ेगी। तकरीबन हर मस्जिद नमाजियों से खचाखच भरी नजर आएगी। मुसलमान माह-ए-रमज़ान का इस्तकबाल करने को बेताब है। गुरुवार की शाम से रहमतो बरकतो के नूर की बारिश शुरु हो जाएगी।
मदरसा दारुल उलूम हुसैनिया के शिक्षक मोहम्मद आजम ने बताया कि दीन-ए-इस्लाम के पांच रुकन मे से रोज़ा भी एक अहम रुकन है। रमज़ान शरीफ में अल्लाह ने बंदों की रहनुमाई के लिए अपनी पाक किताब कुरआन शरीफ उतारी। इस पाक माह में जन्नत के दरवाजे खोल दिए जाते है। दोजख के दरवाजे बंद कर दिए जाते हैं। शैतान को जंजीरों से जकड़ दिया जाता हैं। इस महीने मे नफ्ल नमाज अदा करने पर अल्लाह फर्ज नमाज अदा करने के बराबर सवाब और फर्ज नमाज अदा करने पर सत्तर फर्ज नमाजों के बराबर सवाब अता करता है। इस माह कसरत से जकात, सदका व फित्रा निकालना चाहिए ताकि गरीब, यतीम, बेसहारा, बेवा सभी रमज़ान शरीफ व ईद की खुशियों में शामिल हों सकें। अगर किसी शख्स ने एक रोजादार को इफ्तार कराया तो उस शख्स को भी उस रोजादार के बराबर सवाब मिलेगा। भले ही उसने एक घूंट पानी से ही रोजादार का रोजा खोलवाया हो। रोजादार के लिए दरिया की मछलियां दुआएं करती हैं। रोजादार के मुंह की बदबू अल्लाह को मुश्क से ज्यादा पसंद हैं। रोजादार जन्नत में एक खास दरवाजे से दाखिल होगा।
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नहीं दिखा माह-ए-रमजान का चांद
गोरखपुर। दरगाह हजरत मुबारक खां शहीद नार्मल स्थित तंजीम उलमा-ए-अहले सुन्नत की बैठक बुधवार को दरगाह परिसर में हुई। बैठक में माह-ए-रमज़ान के चांद की पुष्टि के लिए मदरसों व खानकाहों से संपर्क कायम किया गया लेकिन चांद की कोई पुष्टि कहीं से नहीं हुई, इसलिए तंजीम ने ऐलान किया कि माह-ए-रमजान का पहला रोजा शुक्रवार 24 मार्च से शुरु होगा। तरावीह की नमाज गुरुवार 23 मार्च रात से पढ़ी जाएगी। बैठक में मुफ़्ती-ए-शहर अख्तर हुसैन, मुफ्ती मुनव्वर रज़ा, मुफ्ती मेराज अहमद कादरी, कारी मो. अफजल बरकाती, नायब काजी मुफ्ती मो. अजहर शम्सी सहित तमाम लोग मौजूद रहे।
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