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तैयारियां पूरी, रमजान माह का पहला रोजा आज।

- मुबारक माह में 30 दिनों तक चलेगा इबादत, इंसानियत का फर्ज निभाएंगे रोजेदार। 

-घरों में तैयारियां पूरी करके मस्जिदों में हुई तरावीह की नमाज़। 

-बाजार में कुर्ता, टोपी, खजूर, सेवई आदि की हुई खरीदारी। 

संतकबीर नगर, उत्तर प्रदेश।

इबादत का माह मुबारक रमजान 24 से प्रारंभ हो रहा है। तीन अशरा वाले माह को लेकर छोटे-बड़े, बुजुर्ग सभी उत्साहित हैं। जुमेरात को घरों में तैयारियां पूरी करके बाजार में खरीदारी हुई। शाम को मस्जिद में तरावीह की नमाज पढ़ी गई। शुक्रवार को पहला रोजा रखा जाएगा।

 मुस्लिम परिवारों में मजहबी पुस्तकें, खान-पान की सामग्री आदि के साथ माह भर की दिनचर्या को व्यवस्थित करने में समुदाय के लोग जुट गए हैं। माह में 10-10 दिनों के तीन आशरा चलेगा। रोजेदार सुबह से शाम तक एक माह रोजा रखकर अल्लाह की इबादत करेंगे। रोजेदार इंसानियत का फर्ज निभाएंगे।

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रमजान अल्लाह का माह

-इस्लाम के पांच वाजिब अरकानों (सिद्धातों) में रोजा एक है। पहला 10 दिन रहमत, दूसरा अशरा मगफिरत यानी गुनाहों की माफी का और तीसरा अशरा जहन्नम (नर्क) की आग से खुद को बचाने के लिए होता है। अंतिम अशरा चलेगा। जिसमें 21 वें, 23, 25, 27 व 29 वीं को पूरी रात इबादत होगी।

- हाफिज माजिद अली, इमाम जामा मस्जिद

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माह की अहमियत

रमजान माह की अहमियत जगह-जगह बयान की गई है। रोजा का असल मकसद समझने की आवश्यकता है। रमजान में केवल इबादत करना, झूठ से बचना, बुराई न करना ही नहीं बल्कि सारी जिंदगी इस पर अमल करने की सीख दी गई है।

- कारी अशफाक अहमद, खलीलाबाद

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रोजा इंसानियत फर्ज

रोजा इबादत का एक तरीका है। इन दिनों में लोग नेक कामों के साथ ही जरूरतमंद लोगों की सहायता एवं दान देने में भी आगे आते है। इबादत का सिलसिला रमजान शुरू हो जाएगा। इस महीने में मरीज और बहुत ज्यादा बुजुर्ग हो चुके हैं उन पर अल्लाह ने अपनी रहमत के बिना पर रोजे में छूट दी है।

- नुमान अहमद, छितही

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माह की अहमियत। 

रोजा इबादत का एक तरीका है। इन दिनों में लोग नेक कामों के साथ ही जरूरतमंद लोगों की सहायता एवं दान देने में भी आगे आते है। इबादत का सिलसिला रमजान शुरू हो जाएगा। पवित्र माह में इबादत होगी।

- मोहम्मद राशिद

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गलत आदतों से करें तौबा। 

रमजान माह में गलत आदतों से तौबा करना चाहिए। रमजान में लालच करना , बदनामी करना, पीठ पीछे बुराई करना, झूठ बोलना एवं झूठी कसम खाने से परहेज करना चाहिए। रोजे के दौरान खाने के बारे में सोचना भी नहीं चाहिए।

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मन का शुद्धता जरूरी। 

- रमजान के दौरान मन को भी शुद्ध रखना , किसी के लिए गलत ख्याल नहीं लाना चाहिए। इस्लाम की महत्वपूर्ण अवधारणाओं में जकात, मुस्लिमों के वित्त में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। सूरज अस्त होने के बाद रोजा खोला जाता है।

-मौलाना आजम

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बाजार में हुई खरीदारी। 

रमजान माह को लेकर कुर्ता-पैजामा, सेवई, खजूर, फल धार्मिक पुस्तकों की खरीदारी हुई। खलीलाबाद के चंद्रशेखर तिराहा, खलीलाबाद बाईपास मार्ग, ईदगाह के सामने, गोला बाजार, पटान टोला आद स्थानों पर बाजार में रौनक रही। सेमरियावां क्षेत्र के बाघनगर, लोहरौली, टेमारहमत, नव्वागांव,चिउटना,दुधारा, उसरा शहीद,करही दानोकुइयां में खजूर,तरबूज,मिठाई आदि की खरीदारी हुई।

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बाजार में तरह-तरह की सेवइयां। 

-खलीलाबाद में 30 से अधिक सेवई की दुकानें लगी है। सूतफेनी सेवई 150 - 160 रुपये प्रति किग्रा, तली सेवई 120-130, लच्छा 100 रुपये, राड़ 80 से 90, छत्ता वाली 90 से 110, डिब्बा बाली सेवई 150 से 180 रुपये प्रति किग्रा बिक रही है। 

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खजूर की मांग बढ़ी। 

-रमजान में खजूर की मांग बढ़ गई। इस बार अधिकांश लोग पैकेट व डिब्बा बाला खजूर ले रहे हैं। जो 380 से 18 सौ रुपये प्रति किग्रा की दर से बिक रहा है। सामान्य बरारी खुला 180 रुपये, बराई डेट्स 330, कलमी 800 रुपये, चटाई खजूर 140 रुपये प्रति किग्रा है। मांग पर अजहा खजूर 18 सौ से दो हजार रुपये प्रति किग्रा बाजार में उपलब्ध है। 

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पहला शुक्रवार की नमाज 

- पहला रोजा शुक्रवार को पड़ रहा है। इससे लेकर लोगों में उत्साह है। मस्जिदों में दोपहर 12 बजे से 1.30 तक नमाज होगी। दूसरा शुक्रवार 31 मार्च, तीसरा सात अप्रैल, चौथा 14 अप्रैल, अलविदा की नमाज 21 अप्रैल को होगी। 22 को माह पूरा होने पर चांद दिखने पर ईद मनाई जाएगी। 

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Jr. Seraj Ahmad Quraishi
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