सैय्यद फरहान अहमद
गोरखपुर, उत्तर प्रदेश।
माह-ए-रमजान का दूसरा रोजा अल्लाह की हम्दो सना में बीता। चारों तरफ खुशियों का समा है। लोगों के सरों पर टोपियां, हाथ में तस्बीह है। मस्जिदें भरी हुई हैं। घरों में भी इबादत हो रही है। कुरआन-ए-पाक की तिलावत जारी है। सभी की जुबां पर सुब्हानअल्लाह,अलहम्दुलिल्लाह, अल्लाहु अकबर का वजीफा है। कसरत से कलमा पढ़ा जा रहा है। पैगंबरे इस्लाम हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की बारगाह में दरुदो सलाम का नज़राना पेश किया जा रहा है। अल्लाह के बंदे दिन में रोजा रख कर व रात में तरावीह की नमाज पढ़कर अल्लाह का शुक्र अदा कर रहे है। शनिवार की सुबह सभी ने सहरी खाई । दिन भर इबादत की। घरों में दोपहर से इफ्तार बननी शुरु हुई। शाम तक इफ्तार तैयार हो गई। लजीज व्यजंन दस्तरख्वान पर सजाए गए। सबने मिलकर दुआ की। तय समय पर सभी ने मिलकर रोजा खोला और अल्लाह का शुक्र अदा किया। मस्जिदों व मदरसों में तरावीह नमाज के लिए भीड़ उमड़ रही है। नमाज खत्म होने के बाद सहरी के सामानों की खरीदारी शुरु हो रही है। बाजारों व मुस्लिम मोहल्लों में देर रात तक रौनक बनी रही। रसूलपुर जामा मस्जिद मेें एक महीने का सामूहिक एतिकाफ जारी है। दीन की बातें सीखी व सिखाई जा रही है। माह-ए-रमज़ान में तीस दिन तक शहर की दस मस्जिदों में चलने वाला रमज़ान का विशेष का दर्स शुरु हो गया है। जिसमें नमाज, रोजा, जकात, सदका आदि के बारे में बताया जा रहा है।
© Copyright All rights reserved by India Khabar 2025