गोरखपुर, उत्तर प्रदेश।
मकतब इस्लामियात तुर्कमानपुर के शिक्षक कारी मोहम्मद अनस रज़वी ने बताया कि रहमत का अशरा चल रहा है लिहाजा हमें अपने गुनाहों की खूब माफी मांगनी चाहिए। माह-ए-रमजान में जो भी अपने मां-बाप के साथ एहसान करेगा अल्लाह उसकी तरफ निगाहे रहमत करेगा। जो कोई माह-ए-रमजान में किसी मुसलमान की हाजत यानी जरुरत पूरी करता है अल्लाह उसकी दस लाख हाज़त पूरी फरमाता है। जो इस माहे मुबारक में किसी बाल बच्चेदार फकीर को खैरात देता है अल्लाह उसके लिए दस लाख नेकियां लिखता है और उसके दस लाख गुनाह माफ फरमा देता है और दस लाख दर्जात बुलंद फरमाता है।
गौसिया जामा मस्जिद छोटे काजीपुर के मौलाना मोहम्मद अहमद निज़ामी ने कहा कि रमज़ान हमदर्दी व गम ख्वारी का महीना है। यह ऐसा महीना है जिसमें मोमिन का रिज़्क बढ़ा दिया जाता है। रमज़ान के महीने में की गई इबादत व नेकी का सवाब कई गुना हो जाता है।
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