गोरखपुर, उत्तर प्रदेश।
तंजीम उलमा-ए-अहले सुन्नत द्वारा जारी रमज़ान हेल्पलाइन नंबरों पर सवाल-जवाब का सिलसिला जारी रहा। लोगों ने नमाज़, रोज़ा, जकात, फित्रा आदि के बारे में सवाल किए। उलमा किराम ने क़ुरआन व हदीस की रोशनी में जवाब दिया।
1. सवाल : क्या क़र्ज़ दी गई रकम पर जकात है? (ताबिश, गाजी रौजा)
जवाब : जी, जकात फ़र्ज़ है। (मुफ्ती अख़्तर हुसैन)
2. सवाल : क्या नमाज़े तरावीह में देख कर क़ुरआन पढ़ सकते हैं? (सैयद ओसामा, घोसीपुर)
जवाब : नहीं इस तरह पढ़ने से नमाज़ नहीं होगी। (कारी मो. अनस)
3. सवाल : रोज़े की हालत में आंसू अगर मुंह में चला जाए तो? (मकसूद, इस्लाम चक)
जवाब: अगर आंसू की बूंद सिर्फ मुंह में गई थी कि थूक दिया तो रोज़ा नहीं टूटेगा और अगर हलक में उतर गई तो टूट जाएगा। (मुफ्ती मो. अजहर)
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