गोरखपुर, उत्तर प्रदेश।
माह-ए-रमजान का दूसरा अशरा खत्म होने वाला है। रोजेदार रोजा रखकर, नमाज पढ़कर व मालिके निसाब जकात व फित्रा अदा कर अपने लिए दुआ मांग रहे हैं। हर तरफ रहमतो नूर की बारिश हो रही है। मस्जिदें नमाजियों से गुलजार है। वहीं बाजार में ईद की खरीदारी तेज हो गई है।
रमज़ान सब्र व कुरआन देता अमन का पैग़ाम - मौलाना फिरोज
मुकीम शाह जामा मस्जिद बुलाकीपुर के इमाम मौलाना मो. फिरोज निज़ामी ने कहा कि रमज़ान सब्र का व कुरआन अमन का पैग़ाम देता है। रमज़ान में ही कुरआन-ए-पाक जैसा अनमोल तोहफा इस दुनिया को मिला। कुरआन-ए-पाक का पैग़ाम पूरी इंसानियत के लिए है, इसलिए इसे जन-जन तक पहुंचाने की जरूरत है। रमज़ान सब्र का महीना है और इसका बदला जन्नत है। रमज़ान के महीने में दुनिया में आने वाली मुकद्दस किताब क़ुरआन-ए-पाक भी मानवता का संदेश देती है।
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