गोरखपुर, उत्तर प्रदेश।
तंजीम उलमा-ए-अहले सुन्नत द्वारा जारी रमज़ान हेल्पलाइन नंबरों पर सवाल-जवाब का सिलसिला जारी रहा। लोगों ने नमाज़, रोज़ा, जकात, फित्रा, एतिकाफ, शबे कद्र आदि के बारे में सवाल किए। उलमा किराम ने क़ुरआन ओ सुन्नत की रोशनी में जवाब दिया।
1. सवाल : रोज़े की हालत में कोविड वैक्सीन लगवाना ठीक रहेगा? (सैयद मारूफ अहमद, सूरजकुण्ड)
जवाब : रोज़े की हालत में कोविड वैक्सीन लगवाना जायज है। इससे रोज़े पर कोई असर नहीं पड़ेगा। (मुफ्ती अख़्तर हुसैन)
2. सवाल : क्या औरतें फातिहा दे सकती हैं? (अली अहमद, जाफरा बाजार)
जवाब : हां। इसमें कोई हर्ज नहीं। (कारी मो. अनस)
3. सवाल : क्या जमात से नमाज़ पढ़ना लाज़िम है? (शुएब, गोरखनाथ)
जवाब : हां। जमात से नमाज़ पढ़ना वाजिब है, बिला वजह जमात छोड़ने वाला गुनहगार होगा। (मौलाना मोहम्मद अहमद)
4. सवाल : पैंट या पैजामे की मोहरी मोड़ कर नमाज़ पढ़ना कैसा? (अली हसन, अहमदनगर)
जवाब : पैंट या पैजामे की मोहरी मोड़ करके नमाज़ पढ़ना मकरूह तहरीमी है। (मुफ्ती मो. अजहर)
5. सवाल : आधी आस्तीन की शर्ट पहन कर नमाज़ पढ़ना कैसा? (तौसीफ, रहमतनगर
जवाब : नमाज़ हो जाएगी लेकिन फुल आस्तीन का लिबास होते हुए आधी आस्तीन के लिबास में नमाज़ पढ़ना मकरूह-ए-तनज़ीही नापसंदीदा है। (मौलाना जहांगीर अहमद)
6. सवाल : क्या मर्द हजरात घर में एतिकाफ़ कर सकते हैं? (अब्दुल समद, तुर्कमानपुर)
जवाब: नहीं। मर्दों के एतिकाफ़ के लिए मस्जिद ज़रूरी है। (मुफ्ती मेराज अहमद)
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