नवेद आलम
गोरखपुर, उत्तर प्रदेश।
अल्लाह के नाम पर कुर्बानी देने का त्योहार ईद-उल-अजहा 29 जून को है। 29 व 30 जून और 1 जुलाई को परम्परागत तरीके से कुर्बानी की जाएगी। मुस्लिम घरों में तैयारियां जारी है।
कुर्बानी के लिए बकरों की खरीदारी जोर शोर से हो रही है। गली, मोहल्ले व बाज़ार में कुर्बानी के लिए तमाम रंग व नस्ल के खुबसूरत बकरे बिक रहे हैं।
जामा मस्जिद उर्दू बाजार के निकट, इलाहीबाग, रेती, खूनीपुर, मछली दफ्तर के निकट बकरों का बाज़ार हर रोज सज रहा है। बाजार में करीब सात हजार रुपये से लेकर तीस हजार रुपये तक में बकरे बिक रहे हैं। महंगाई का असर कुर्बानी के जानवरों पर साफ नज़र आ रहा है। भाव में थोड़ी तेजी है।
बाजार में देसी, तोतापरी, बरबरी, सिरोही, जमुनापरी, राजस्थानी आदि नस्ल के बकरे बिकने के लिए आ रहे हैं। बहराइच, बाराबंकी, इटावा, कानपुर, फतेहपुर, सीतापुर, मऊ, खलीलाबाद, नौगढ़, गोरखपुर, देवरिया, आजमगढ़, बलिया, भभुआ आदि जिलों से बकरे बिकने के लिए गोरखपुर के बाजार में लाए जा रहे हैं।
हाजी सेराज अहमद, सैयद नदीम अहमद, मनोव्वर अहमद, शादाब अहमद सिद्दीक़ी, गजनफर अली शाह ने बताया कि ईद-उल-अजहा के लिए शहर में बकरों का बाजार सजा हुआ है। कुर्बानी रोजगार का बहुत बड़ा जरिया भी है। गली मोहल्ले के घरों से बकरों की आवाज आने लगी है। त्योहार के करीब आते ही शाह मारूफ, गाजी रौजा, रहमतनगर, तुर्कमानपुर, उंचवा, अस्करगंज, जाफरा बाजार, बक्शीपुर, रसूलपुर, दीवान बाजार, गोरखनाथ सहित तमाम जगहों पर बड़े जानवरों (भैंस) का बाज़ार गुलजार होगा। वहीं बड़े जानवर (भैंस) में हिस्सा लेने के लिए भी तैयारी शुरू है। लोगों ने पेशगी रकम जमा करानी शुरु कर दी है।
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