शहाबुद्दीन अहमद
बेतिया, बिहार।
प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी आषाढ़ माह के पूर्णिमा तिथि को गुरु पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है।इस साल गुरु पूर्णिमा का महापर्व 3 जुलाई 2023 को है। गुरु पूर्णिमा का त्यौहार अपने गुरु के प्रति आस्था और प्रेम भाव प्रकट करने का महापर्व होता है,हमारे शास्त्रों में गुरु का स्थान भगवान से ऊंचा रखा गया है। गुरु के दिन ज्ञान से हमें जीवन में सत्य असत्य, धर्म अधर्म,पाप पूर्ण,सही गलत का ज्ञान मिलता है। जीवन में आगे बढ़ने के लिए सही रास्ता,सफलता और सुख शांति गुरु के द्वारा दिखाए गए सच्चे मार्ग पर चलने से ही प्राप्त होता है। हिंदू परंपरा में गुरु हमेशा सही पूजनीय माने गए हैं,पौराणिक मान्यताओं के अनुसार महाव्यास की जयंती पर गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया जाता है। आषाढ़ मास की पूर्णिमा तिथिमहारिशी वेद व्यास का जन्म हुआ था, महरिशी वेद व्यास के वेदों अन्य ग्रंथों में इसकी रचना मिलती है। गुरु पूर्णिमा के खास मौके पर अपने गुरु की वंदना करते हैं,और उनका चरण स्पर्श करके उनसे आशीर्वाद प्राप्त करते हैं,यही गुरु के प्रति सच्ची भक्ति का गुरु के प्रतिष्ठा करने का महान दिन है।
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