हफ़ीज अहमद खान
कानपुर नगर, उत्तर प्रदेश।
इस्लाम के तीसरे खलीफा हज़रत उस्मान गनी रज़ी अल्लाहु अन्हु बहुत ही नरम दिल और बेहद सखी थे इन विचारों को आल इंडिया ग़रीब नवाज़ कौन्सिल के तत्वाधान में आयोजित यौमे उस्माने गनी प्रोग्राम में कौंसिल के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मो.हाशिम अशरफ़ी इमाम ईदगाह गद्दियाना ने अक्सा जामा मस्जिद गद्दियाना में व्यक्त किये |मौलाना अशरफी ने कहा हज़रत उस्मान गनी से पैग्मबरे इस्लाम ने अपनी दो बेटियों का निकाह किया इसीलिए आप को ज़ुन्नुरैन (दो नूर वाले) भी कहा जाता है लोगों की मदद करना आप की आदत थी अल्लाह की राह में तीन सौ सुर्ख कीमती ऊँट पेश किये मदीना शरीफ के लोगों को मीठा पानी लेने के लिए मीलों दूर जाना पड़ता था आप ने बीस हज़ार दीनार में एक यहूदी का मीठा कुआँ खरीद कर मदीना वालों को दान कर दिया वह कुआं आज भी मौजूद है और उस की आमदनी का आधा हिस्सा गरीबों में और आधा हिस्सा हज़रत उस्मान के नाम से चल रहे बैंक खाते में जमा होता है इस आमदनी से हुकूमत ने मदीना शहर में एक आलिशान होटल हज़रत उस्मान गनी के नाम से बनवाया है एक अंदाज़े के मुताबिक इस से सालाना लगभग 50 मिलियन सऊदी रियाल की आमदनी होती है आप बयासी साल की उम्र में शहीद हुए शहादत के वक़्त कुरान पाक की तिलावत कर रहे थे तो खून के कतरे कुरान पाक पर पड़े वह कुरान आज भी तुर्की के म्यूज़ियम में रखे हुए है और लोग जियारत करते हैं | मौलाना अशरफी ने बयान को जारी रखते हुए कहा कि हज़रत उस्मान गनी रज़ी अल्लाहु अन्हु ने अपनी खिलाफत में कुरान पाक को जमा फरमाया और शहादत के वक़्त भी कुरान से अपना रिश्ता जोड़कर उम्मत को सबक दिया कि किसी भी हाल में कुरान का दामन नहीं छूटना चाहिए | सलातो सलाम और मुल्क की तरक्की व खुशहाली की दुआओं के साथ जलसा ख़त्म हुआ इस अवसर पर प्रमुख रूप से मौलाना मो. क़ासिम अशरफ़ी,हाजी सुलेमान अशरफी,हाजी हैदर अली,अकील हसन सुब्बा अली अशरफी,हाफिज मोहम्मद अरशद अशरफी,हाफिज नदीम अख्तर,मौलाना मसूद रजा,हाफिज मोहम्मद मुश्ताक़ आदि उपस्थित रहे!
© Copyright All rights reserved by India Khabar 2025