हफ़ीज अहमद खान
कानपुर नगर, उत्तर प्रदेश।
कानपुर कुल हिंद जमीअतुल आवाम उत्तर प्रदेश के तत्वधान में मोहर्रम को लेकर अहम मीटिंग का आयोजन रूपम चौराहा स्थित गरीब नवाज हाल में किया गया जिसमें मोहर्रम के जुलूस सहित विभिन्न मोहर्रम के आयोजनों के बारे में जुलूस के जिम्मेदार एवं बुद्धिजीवियों के संग चर्चा हुई ज्ञात हो कि विगत वर्षों की तरह इस वर्ष भी मोहर्रम महा से पूर्व जुलूस उठाने वाले जिम्मेदार एवं इस माह विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन करने वाले लोगों के संग शहर काजी की अध्यक्षता में मीटिंग करके महत्वपूर्ण माह मोहर्रम व इसमें निकलने वाले सभी प्रकार के परंपरागत जुलूसो को सकुशल संपन्न कराने के लिए बैठक हुई मीटिंग की अध्यक्षता कर रहे शहर काजी मुफ्ती साकिब अदीब मिस्बाही ने जिम्मेदारों के संग विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करते हुए कहा कि एक या दो दिन बाद इस्लामी साल का पहला महीना मोहर्रम शुरू होने वाला है जिसको बड़ी तादाद में इस्लाम धर्म के मानने वाले शहादते इमाम हुसैन के रूप में मनाते हैं यूं तो पूरी दुनिया में मोहर्रम को बड़े अदब और एहतराम से मनाया जाता है मगर हमारे मुल्क हिंदुस्तान और हमारे शहर कानपुर में इसे अलग ही अंदाज से मनाया जाता है पैग़ंबरे इस्लाम हज़रत मोहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के नवासे शहीद-ए-आजम हजरत इमाम हुसैन रजिo को उनके 72 साथियों के साथ कर्बला के मैदान में शहीद कर दिया गया था और जुल्म जुल्म बर्बरीयत की सारी हदें पार कर दी गई थी हजरत इमाम हुसैन ने उस उस वाक्य से पूरी दुनिया को यह मैसेज दिया था कि सच्चाई पर कायम रहते हुए इंसानियत की खिदमत, अदलों इंसाफ, अमन शांति का पैगाम देकर जुल्म के खिलाफ हमेशा आवाज बुलंद करते रहना चाहिए चाहे हम तादात में जितने भी कम क्यों ना हो इमाम हुसैन के इसी मैसेज को हम सब को अपनाना चाहिए और मानवता की सेवा करते हुए अपने हुकुम और हक की लड़ाई लड़ते रहना चाहिए चाहे वह अपने अंदर बसे शैतान से हो या फिर सामने जुर्म करने वाले जालिम लोगों से इस मौके पर मौजूद कार्यक्रम के आयोजक महामंत्री महबूब आलम खान ने कहा कि कानपुर शहर हमेशा से गंगा जमुनी तहजीब का शहर है इस शहर से पूरी दुनिया में बड़ा मैसेज जाता है क्यों ना हम इस वर्ष मोहर्रम के जुलूस को लेकर कुछ अलग अंदाज से अपनी नजीर पेश करें शहर के अलग-अलग हिस्सों से बड़ी संख्या में दो दर्जन से ज्यादा जुलूस निकाले जाते हैं इस बार लोगों में मोहर्रम के जुलूस को लेकर खासी जोश और खरोश है हमें यह कोशिश करनी चाहिए कि हम किस अजीम हंसती के नाम से प्रसिद्ध जुलूस में शामिल हो रहे हैं उसका अदब और हेतराम बरकरार रखें जुलूस में अच्छे अंदाज से शामिल हो नात शरीफ मनकबत का नजराना पेश करते हुए जुलूस में चलें सादगी का पैगाम दे सर पर इमामा बांधे या टोपी लगाए मोहर्रम के दसों दिन या पूरा महा गरीबों को खाना खिलाए पानी व शरबत के स्टाल लगाकर लोगों की प्यास बुझाई साथ ही आस पड़ोस में बसने वाले गरीब बेवा बेसहारा यतीम बीमार जरूरतमंद लोगों की हर संभव मदद करें जगह जगह शहादत नामा का एहतमाम करें लोगों को पैग़ंबरे इस्लाम के नवासे शहीद-ए-आजम हजरत इमाम हुसैन की अजीम शहादत के बारे में बताएं और उनके 72 साथियों का जिक्र करें हर जुलूस में ज्यादा से ज्यादा अपने वॉलिंटियर बनाएं जो जुलूस को तयशुदा रास्तों से निकालने में मदद करें इस मौके पर मुख्य रूप से शहर काजी मुफ्ती साकिब अदीब मिस्बाही मीटिंग आयोजक महामंत्री महबूब आलम खान नायब शहर काजी कारी सगीर आलम हबीबी इस्लाम खान आजाद कारी अब्दुल मुख्तलिब मौलाना शाह आलम बरकाती खलीफा हाफिज कफील जियाउल हसमत अल्लन हाजी शेरा के जुलूस के हाजी सलीम शेरखान हाजी शहंशाह आलम कुरेशी मोहम्मद इमरान खान टीपू मुस्कान अब्दुल माबूद हाशिम रिजवी इस्तियाक अहमद जलील नेता विजयनगर से हाजी सलाउद्दीन असद सिद्दीकी हाफिज मुशीर राशिद खान इमरान खान वारसी अखलाक अहमद डेविड हाजी आमिर खान जुनैद खान नसीम शीशे वाले मुख्तार अहमद रहमान खान इरफान बरकाती आदि लोग मौजूद रहे
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