Tranding

श्रावणी पूर्णिमा का प्रोग्राम।

हाजीपुर (वैशाली) श्रावणी पूर्णिमा को ज्ञान की साधना का पर्व माना गया है। यह वैदिक पर्व है। हमारे वैदिक ग्रंथों में इसे उपा कर्म भी कहा जाता है। यह पर्व हमारे ज्ञान रूपी यज्ञ का प्रतीक है। श्रावणी आध्यात्मिक ग्रंथों के स्वाध्याय के प्रचार का पर्व है। सद् ज्ञान, बुद्धि, विवेक की वृद्धि के लिए हमारे ऋषियों ने इसे निर्मित किया था।प्राचीन काल में ऋषि-मुनि इसी दिन से वेद पारायण आरंभ करते थे।गुरुकुलों में ज्ञान की साधना के लिए छात्रों का यज्ञोपवीत संस्कार के साथ इसी श्रावणी के पावन अवसर पर प्रवेश एवं वेद अध्ययन प्रारंभ होता था। गुरुकुलों में इसी दिन से शिक्षण सत्र का आरंभ भी होता था। बड़े-बड़े यज्ञों का आयोजन भी किया जाता था।EZCC cultrul deparmemt द्वारा आयोजित वर्चुअल कल्चरल प्रोग्राम में गलगोटिया यूनिवर्सिटी विश्वविद्यालय के द एक्टर हब क्लब के छात्रों द्वारा श्रावणी महोत्सव के उपलक्ष में एक सुंदर सा नाट्य प्रस्तुत किया जिसे देख सभी मंत्र मुग्ध हो गए और काफी सा रहना किया।यह नाट्य और नृत्य अभिषेक कुमार समूह नृत्य के द्वारा किया गया। जहां अविनाश ने शिव की भूमिका बखूबी निभाई वही मां सती की भूमिका महिमा सिंह ने बहुत ही रौद्र रूप से दिखाए जिसे देख सब की आंखें नम हो गई।जहां अंतरिक्ष ने शिव भक्त नदी का किरदार निभाया वही कुणाल ने भृगु का किरदार बखूबी निभाया निखिल ने भग और वैष्णो ने विष्णु का किरदार बहुत ही सरलता से निभाया वही दिव्यांश ने पूषा का किरदार तो पुष्कर ने दक्ष का और इशिका ने दक्ष की पत्नी का प्रस्तुति के रूप में बहुत ही सरलता से अपने कलाकारी को दिखाया।ब्रह्मा का किरदार अमित ने निभाया वही बीच-बीच में नारद का किरदार फहाद ने बड़े प्यार से दिखाए अंत में वीरभद्र का किरदार शुभम ने इतने रौद्र रूप से दिखाए मानव साक्षात शिव तांडव कर रहे हो कला भाषा से परे है। यह भावनाओं और विचारों को व्यक्त करने का एक सार्वभौमिक माध्यम है।कला सौंदर्य और उद्देश्य का एक मुक्त संयोजन है।

Karunakar Ram Tripathi
60

Leave a comment

Most Read

Advertisement

Newsletter

Subscribe to get our latest News
Follow Us
Flickr Photos

© Copyright All rights reserved by India Khabar 2025