सम्मान से ही धर्म और मजहब होते हैं मजबूत।
गोरखपुर उत्तर प्रदेश।
अंधियारीबाग स्थित कलंदरे जमा हजरत सखी मियां मुहम्मद नियाज बहादुर अल-मारूफ हजरत मिस्कीन शाह रहमतुल्लाह अलैह के 85 वें उर्स मुबारक मौके पर ऑल इण्डिया उर्स कमेटी, इमामचौक मुतवल्ली एक्शन कमेटी और शीश महल दरगाह, जाफरा बाजार की जानिब से शकील अहमद अंसारी, मुहम्मद रजा लड्डन खान, मुर्तजा हुसैन रहमानी, अब्दुल्लाह और असरार आलम की कयादत में मजार शरीफ पर चादरपोशी की गयी। तत्पश्चात गुलपोशी के साथ मुल्क व मिल्लत की दुआएं मांगी गयी।इस मौके पर उर्स में शामिल सभी जायरीनों, अकीदतमंदों और अनुयायियों को मुबारकबाद दी गयी।
उर्स के मौके पर शकील अहमद अंसारी, मुर्तजा हुसैन रहमानी, मुहम्मद रजा लड्डन खान, असरार आलम एवं अब्दुल्लाह ने कहा कि हजरत मुहम्मद नियाज बहादुर मिस्कीन शाह रहमतुल्लाह अलैह के उर्स में सभी मजहब के लोग बड़े ही अकीदत और आस्था के साथ खानकाह पर पहुंचकर अपनी जायज तमन्नाओं की मुराद को पूरा कर दुआएं मांग कर एकता और भाईचारे का परिचय दिया गया।
इस अवसर पर मुर्तजा हुसैन रहमानी, मुहम्मद रजा लड्डन खान, शकील अहमद अंसारी, असरार आलम, अब्दुल्लाह ने कहा कि सभी का मजहब अपने अनुसार लोकप्रिय है। सभी के मजहब का सम्मान करने से एक दूसरे के धर्म और मजहब बहुत ही मजबूत व प्रौढ़ावस्था की बगिया का गुलदस्ता बनकर एकता के रूप में महकता है। अकीदतमंदों ने कहा कि हजरत मुहम्मद नियाज बहादुर मिस्कीन शाह रहमतुल्लाह अलैह ने अपने पूरे जीवन काल में मानवीय सरोकार से नाता जोड़कर सिर्फ और सिर्फ मानवता को जीवित रखने में अपना योगदान देकर अल्लाह की इबादत में मशगूल रहा करते थे।
उर्स के मौके पर मुख्य रूप से मुहम्मद युनूस अंसारी, शहनवाज अहमद, तौफीक अहमद, इरफान अहमद, अल्तमस, अब्दुल्लाह, नौशाद गोलू, आफताब अहमद सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे।
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