भानु प्रकाश
गोरखपुर, उत्तर प्रदेश।
सरस्वती शिशु मंदिर (10+2) पक्कीबाग गोरखपुर में सरस्वती पूजन एवं विद्यारंभ संस्कार संपन्न हुआ। इस अवसर पर सैकड़ो की संख्या में शिशु अपने माता-पिता के साथ विद्यारंभ संस्कार में सम्मिलित हुए। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित विद्यालय के पूर्व छात्र महापौर गोरखपुर डा. मंगलेश श्रीवास्तव जी ने कहा कि यह महत्वपूर्ण हिंदू अनुष्ठान हैं जो ज्ञान, शिक्षा और संस्कृति के महत्व को दर्शाता है।
सनातन परंपरा में मनुष्य जीवन में संस्कारों का विशेष महत्व है। ऐसे 16 संस्कारों का प्रावधान हिन्दू धर्म में वर्णित है। उनमें से एक प्रमुख संस्कार है 'विद्यारम्भ संस्कार'। माँ सरस्वती के प्राकटय दिवस बसंत पंचमी पर सरस्वती पूजन के साथ ही विद्या भारती के शिशु मन्दिरो में विद्यारम्भ संस्कार को उत्सव के रुप में मनाते हैं।
अतिथि परिचय कराते हुए विद्यालय के प्रधानाचार्य डॉक्टर राजेश सिंह जी ने कहा कि हिन्दू धर्म में हर शुभ काम को करने का सही मुहूर्त होता है। ऐसी मान्यता है कि यदि शुभ कार्य को सही मुहूर्त पर किया जाए तो उसकी सफलता और फलदायी क्षमता बढ़ जाती है। विद्यारंभ संस्कार के दौरान, बच्चे को मंत्रोच्चार के साथ अक्षरों का ज्ञान कराया जाता है। शिक्षा जीवन की शुरुआत का प्रतीक होता है। विद्यारंभ संस्कार का उद्देश्य बच्चे को शिक्षा के महत्व के बारे में जागरूक करना और उसे ज्ञान की दिशा में प्रेरित करना है।
इस दौरान विद्यालय परिसर में उपस्थित सैकड़ों बच्चों का विद्यारम्भ संस्कार सम्पन्न हुआ। नन्हे बालक बालिकाओं को उनके माता पिता व गुरुजनों के सहयोग से पेन्सिल से पेपर पर ओम लिखवा कर व स्वास्तिक का चिह्न बनवाया गया।
आज वीर हकीकत राय जी का बलिदान दिवस भी था उनके जेवन पर प्रकाश डालते हुए विद्यालय के आचार्य सौरभ शुक्ला जी ने कहा कि वीर हकीकत अपने धर्म की रक्षा हेतु बलिदान हों गये लेकिन धर्म को झुकने नहीं दिया। साथ ही भैया बहनों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया एवं घोष दल के साथ कलश यात्रा भी निकाली गई। हवन, आरती एवम प्रसाद वितरण के साथ कार्यक्रम संपन्न हुआ।
इस अवसर पर शिशु शिक्षा समिति प्रदेश निरीक्षक राम सिंह, विद्यालय समिति के कोषाध्यक्ष महेश गर्ग, डॉ सूर्यकांत त्रिपाठी सहित गणमान्य आगंतुक, अभिभावक गण के साथ समस्त विद्यालय परिवार उपस्थित रहा।
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