हफ़ीज अहमद खान
कानपुर नगर उत्तर प्रदेश।
गुरुद्वारा बाबा नामदेव मे माहगी पूर्णिमा के दिवस पर गुरुतेग बहादुर की शहीदी शताब्दी शहादत को समर्पित सफरे सिमरन से शहादत तक भगत शिरोमणि संत रविदास का जन्म दिन गुरूमत समागम के रूप में मनाया गया स्त्री सतसंग बाबा नामदेव द्वारा उनकी वाणी के भजन कीतून गाये गये।"बहत जन्म बिछुडे थे माधौ एह जन्म तुमारै लेख कहि रविदास आस लगु जीवउ चिर भयो दरसन देखै, साची प्रीत हम तुम सिउ जोरी तुम संगि जोरू अवर संगि तोरी।वाणी कीरतन गायन हुआ बताया गया भगत रविदास जी काशी मे पैदा हुए थे संत रामानंद जी इनके गुरु थे इनको भगत शिरोमणि की उपाधि से पुकारा जाता है इनके शब्द वाणी श्री गुरु ग्रन्थ साहब जी मे अंकित है गुरूनानक नामलेवा संगत निताप्रति इनको शीश नतमत्सक होता है व इनके सिद्धान्तो पर चलने का प्रण लेती है इस अवसर पर आज सिख धर्म का फाल्गुन का महीना भी आरम्भ होता है गुरुद्वारा साहब मे गुरु का अटूट लंगर वितरित किया गया है विशेष रूप से बलजीत कौर, सोनीया, गुरुदीप सहगल, गुरुमीत सिंह, सरनजीत, सिमरन, हरदायाल, चरणजीत सिंह सेवा कर रहे है।
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