गोरखपुर, उत्तर प्रदेश।
हज़रत सैयदा फातिमा जहरा रदियल्लाहु अन्हा का उर्स-ए-पाक मनाया गया। आपकी पाकीजा ज़िंदगी पर रोशनी डाली गई। फातिहा ख्वानी हुई। चिश्तिया मस्जिद बक्शीपुर में मौलाना महमूद रजा कादरी व मकतब इस्लामियात तुर्कमानपुर में कारी मुहम्मद अनस रजवी ने कहा कि पैग़ंबरे इस्लाम हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की बेटी, हज़रत अली की बीवी हज़रत सैयदा फातिमा ज़हरा रदियल्लाहु अन्हा का विसाल (निधन) 3 रमजान को हुआ था। आपकी ज़िंदगी हम सभी खासकर औरतों के लिए ऐसी नज़ीर है, जिस पर अमल करते हुए अपनी ज़िंदगी को खूबसूरत बनाया जा सकता है। हज़रत फातिमा ने अपनी पूरी ज़िंदगी अल्लाह की इबादत में गुजार दी। वालिद, शौहर, बेटों के साथ उनका जो सुलूक रहा, वह आज भी एक नमूना-ए-हयात बना हुआ है। आपने जिस तरह ज़िंदगी गुजारी, बच्चों की परवरिश, पड़ोसियों का ख्याल रखा वह एक मिसाल है।
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