सैय्यद फरहान अहमद
गोरखपुर, उत्तर प्रदेश।
आठवां रोज़ा खैर व बरकत के साथ बीत गया। रोजेदार अल्लाह की रजा में नेक काम कर खूब नेकियां कमा रहे हैं। नेकी कमाने का यह सिलसिला पूरे रमजान तक ऐसे ही चलता रहेगा। मस्जिद व घरों में जमकर इबादत व कुरआन-ए-पाक की तिलावत हो रही है। दस्तरख्वान पर तमाम तरह की नेमत रोजेदारों को खाने को मिल रही है। सभी के हाथों में तस्बीह व सिरों पर सजी टोपियां अच्छी लग रही हैं। महिलाएं इबादत के साथ घर व बाजार की जिम्मेदारियां बाखूबी अंजाम दे रही हैं। तरावीह की नमाज़ जारी है। सदका, फित्रा व जकात की रकम लेने के लिए मदरसे वाले घरों पर पहुंचने लगे है। इसी सदका, फित्रा व जकात की रकम से मदरसों के साल भर का निजाम चलेगा। मदरसे में पढ़ने वाले गरीब, यतीम छात्रों के रहन-सहन, खान-पान का खर्च निकलेगा। कई मदरसों के शिक्षक तो बड़े शहरों में गये हुए हैं। बाजार गुलजार है।
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