गोरखपुर, उत्तर प्रदेश।
गौसिया जामा मस्जिद छोटे काजीपुर के इमाम मौलाना मोहम्मद अहमद ने कहा कि इस्लामी बारह महीनों में रमजान को सबसे ज़्यादा अहमियत हासिल है, क्योंकि अल्लाह ने अपने बंदों के लिए रमजान में बेपनाह बरकत और रहमत अता की है। रमजान हर ऐतबार से खास है कि बंदा परहेजगार बन जाए। तक़वा अख़्तियार कर ले, क्योंकि जब इंसान के अंदर डर पैदा हो जाता है तो वह हलाल व हराम की तमीज करने लगता है। रमजान में कोई शख्स किसी नेकी के साथ अल्लाह का करीबी बनना चाहे तो उसको इस कदर सवाब मिलता है गोया उसने फर्ज़ अदा किया। जिसने रमजान में फर्ज़ अदा किया उसको सवाब इस क़दर है गोया उसने रमजान के अलावा दूसरे महीनों में सत्तर फ़र्ज़ अदा किए। यह एक ऐसा महीना है कि जिसमें मोमिन का रिज्क बढ़ा दिया जाता है। जो इसमें किसी रोजेदार को इफ्तार कराए तो उसके गुनाह माफ कर दिए जाते हैं और उसकी गर्दन जहन्नम की आग से आज़ाद कर दी जाती है। यह महीना बंदे को तमाम बुराइयों से दूर रखकर अल्लाह के करीब होने का मौका देता है। इस माह में रोजा रखकर रोजेदार न केवल खाने-पीने कि चीजों से परहेज करते हैं बल्कि तमाम बुराइयों से भी परहेज कर अल्लाह की इबादत करते हैं।
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