गोरखपुर, उत्तर प्रदेश।
सब्जपोश हाउस मस्जिद जाफरा बाजार के इमाम हाफिज रहमत अली निजामी ने बताया कि जिसने ईमान के साथ सवाब की नियत से यानी रिया, शोहरत और दिखावे के लिए नहीं बल्कि सिर्फ और सिर्फ अल्लाह की खुशनूदी के लिए रात में इबादत के लिए खड़ा हुआ यानी नमाजे तरावीह और तहज्जुद पढ़ी तो उसके पिछले तमाम गुनाह माफ कर दिए जाते हैं। एक और हदीस में है कि जो शख्स शबे कद्र (21, 23, 25, 27, 29 रमजान की रात) में ईमान के साथ और सवाब की नियत से इबादत के लिए खड़ा हुआ यानी नमाजे तरावीह और तहज्जुद पढ़ी, कुरआन की तिलावत की और अल्लाह का जिक्र किया तो उसके पिछले तमाम गुनाह माफ कर दिए जाते हैं।
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