गोरखपुर, उत्तर प्रदेश।
मुहल्ला खोखर टोला के शिक्षक मोहम्मद आज़म ने बताया कि रमजान का दूसरा अशरा खत्म होने वाला है। हमें अल्लाह से अपने गुनाहों की रो-रो कर माफी मांगनी चाहिए। रमजान का तीसरा अशरा जहन्नम की आग से अल्लाह की पनाह मांगने का है। तीसरे अशरे में शबे कद्र जैसी अजीम नेमत है। जिसमें इबादत करने पर बहुत ज्यादा सवाब मिलता है। रमजान के अंतिम दस दिन का एतिकाफ करना पैगंबरे इस्लाम हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की सुन्नत है।
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