गोरखपुर, उत्तर प्रदेश।
तुर्कमानपुर के समाजसेवी रेयाज अहमद राईनी ने कहा कि अल्लाह के आखिरी पैगंबर हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने दुनिया को एक अल्लाह की इबादत का संदेश देकर जहालत को दूर करने का पैगाम दिया। अल्लाह की इबादत की तीसरी कड़ी रोजा बना। दीन-ए-इस्लाम में होश संभालने से लेकर मरते दम तक अल्लाह के कानून और उसके हुक्मों के मुताबिक ज़िंदगी गुजारना इबादत है। रोजा अल्लाह के आदेश का पालन करने और अनुशासित जीवन जीने के लिए प्रशिक्षित करता है।
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