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सातवीं मोहर्रम पर ग़ौसे आज़म फाउंडेशन ने सबील और लंगर बांट कर दिया मोहब्बत और इंसानियत का पैग़ाम।

सेराज अहमद कुरैशी

गोरखपुर, उत्तर प्रदेश।

जहां मोहर्रम का महीना ताज़ियत, तज़किरा और तौबा का पैग़ाम लाता है, वहीं ग़ौसे आज़म फाउंडेशन ने उसे ख़िदमत, मोहब्बत और इंसानियत के ज़रिया ज़मीन पर उतार कर मिसाल क़ायम कर दी है। सातवीं मोहर्रम को "लंगरे हुसैनी" का आयोजन गोरखनाथ स्थित वरिष्ठ सहयोगी जनाब रियाज़ भाई के मकान के पास किया गया। "सबीले हुसैनी" सुन्नी मर्कज़ी मदीना मस्जिद के पास, हज़रत क़ाज़ी सय्यद मोहम्मद आरिफ़ रहमतुल्लाह अलैहे की दरगाह के साये में लगाई गई।

चेयरमैन व चीफ़ क़ाज़ी, हज़रत मौलाना सूफ़ी सैफुल्लाह क़ादरी साहब ने इस मौके पर कहा हुसैनियत कोई ढोल-तमाशा नहीं — यह भूखे को खिलाने, प्यासे को पिलाने और बेसहारे को सहारा देने का नाम है। आज कर्बला की रूह को ताज़ा करना है तो सेवा, सादगी और सच्चाई को अपनाना होगा।

शहर अध्यक्ष समीर अली ने कहा कि "हम जीएएफ़ के सभी सहयोगियों और ख़ासतौर पर जनाब रियाज़ अहमद साहब का तहे दिल से शुक्रिया अदा करते हैं, जिन्होंने इस लंगर में तन, मन और धन से सहयोग दिया। हम हर दिन, मोहर्रम के हर पल को, नेक कामों से सजाने की कोशिश कर रहे हैं।"

वैज्ञानिक व सेहतमंद फ़ायदे हुसैनी लंगर: हल्का और संतुलित खाना, जो पाचन को बेहतर करता है। भूखों को राहत देने और सामाजिक समानता को मज़बूत करने का ज़रिया।खाने की खुशबू और स्वाद, तनाव घटाने में मदद करते हैं।सबीले हुसैनी (ठंडा शरबत / पानी): गर्मी से राहत, हाइड्रेशन को बहाल करने में मदद। थकावट, चक्कर, और ब्लड प्रेशर की समस्या में फ़ायदे मंद। भीड़ में बंटा हुआ पानी, सेवा और साझेदारी की भावना को जगाता है।

सामाजिक सन्देश और संदेह का ज़िक्र कुछ लोग आज भी यह सवाल उठाते हैं कि "शर्बत और लंगर" क्या बदलाव ला सकते हैं?

जवाब: जब कर्बला के मैदान में पानी बंद कर देना ज़ुल्म था, तो आज पानी पिलाना, सबसे बड़ा हुसैनी अमल है। जब भूखे को खाना देना, दिल को जीत सकता है, तब समाज में फैलती नफ़रत, इन हुसैनी सबीलों से मिटाई जा सकती है। यह मोहब्बत का अमलन इज़हार है। यह हुसैनी निशान है।10 मोहर्रम तक जारी रहेगा नेकियों का यह सफ़र ग़ौसे आज़म फाउंडेशन हर दिन मोहर्रम में अलग-अलग तरह के सबीलों, लंगर और समाजी पहल के ज़रिए, कर्बला का सच्चा पैग़ाम आम कर रहा है।आप भी इस हुसैनी क़ाफ़िले का हिस्सा बनिए... नेकी, राहत और मोहब्बत में शरीक होइए।



Jr. Seraj Ahmad Quraishi
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