शांतिमय संघर्ष और प्रतिबद्ध फौलादी ताकत के सामने चूर हो गई थी बोधगया मठ की सारी शक्तियां - गिरिजा सतीश।
रिपोर्ट विनोद विरोधी
गया, बिहार।
रामदेव , पांचू मांझी का शहादत दिवस बोधगया स्थित महा प्रज्ञा गेस्ट हाउस के सभागार में छात्र - युवा संघर्ष वाहिनी , मजदूर - किसान समिति और लोक समिति के संयुक्त तत्वावधान में मनाया गया । सैकड़ों की संख्या में मजदूर - किसान , महिलाएं जुलूस के साथ ' रामदेव , पांचू अमर रहे , औरत के सहभाग बिना , हर बदलाव अधुरा है जैसे नारे लगाते शहादत स्थली गये और माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की गई । पुनः वहां से जुलुस के साथ नारे लगाते महा प्रज्ञा गेस्ट हाउस आये और सम्मेलन किया । सम्मेलन का उद्घाटन लोक समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष , यमुना लाल बजाज पुरस्कृत श्री गिरिजा सतीश , डॉ. मुंद्रिका प्रसाद नायक, लोक समिति के राष्ट्रीय संयोजक कौशल गणेश आजाद ने जेपी के तैल चित्र पर माल्यार्पण व पुष्पांजलि अर्पित कर किया । इसके बाद श्री सतीश और श्री नायक के द्वारा भूमि मुक्ति आंदोलन के नेता श्री जानकी दास को सॉल और प्रशस्ति - पत्र देकर सम्मानित किया गया। सम्मेलन को संबोधित करते हुए लोक समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री गिरिजा सतीश ने कहा कि आज ही दिन भूमि मुक्ति आंदोलन के दौरान मठ के गुंडों ने निहत्थी जनता पर गोली और बम से हमला किया था जिससे रामदेव और पांचू मांझी शहीद हो गए और जानकी मांझी अपंग हो गये थे । उन्होंने कहा कि रामदेव और पांचू मांझी का शहादत खाली नहीं गया । आंदोलन और तीव्र हुआ । मठ की हार हुई । मठ की हजारों एकड़ जमीन जो फ़र्जि थी , म़जदूरों , किसानों और महिलाओं में बांटी गई ।
श्री सतीश ने कहा कि आज देश जटिल समस्याओं से जूझ रहा है । महंगाई , बेरोजगारी , भ्रष्टाचार , बढ़ रहे आर्थिक और लैंगिक असमानता के विरुद्ध और धार्मिक सद्भाव के लिए शांतिमय संघर्ष करने का आह्वान किया । लोक समिति के राष्ट्रीय संयोजक श्री कौशल गणेश आजाद ने कहा कि बोधगया मठ के खिलाफ चले भूमि मुक्ति आंदोलन ने शांतिमय वर्ग संघर्ष को वैचारिक धरातल दिया और स्थापित किया । श्री दिनेश कुमार ने कहा कि किसानों की जमीन को सरकार अधिग्रहित कर रही है पर उचित मुआवजा नहीं दे रही है । उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार किसान - मजदूर विरोधी है । अध्यक्षीय भाषण करते हुए डॉ.मुंद्रिका प्रसाद नायक ने कहा कि बोधगया का भूमि मुक्ति आंदोलन एक ऐतिहासिक आंदोलन हुआ और शांतिमय वर्ग संघर्ष की अवधारणा को वैचारिक रूप से स्थापित किया । उन्होंने कहा कि आज ऐसे ही संघर्ष की जरूरत है । उन्होंने कहा कि आज गांधी , लोहिया , जयप्रकाश, अंबेडकर के विचारों को प्रचार - प्रसार करने की जरूरत है । सम्मेलन को मजदूर - किसान समिति के जिला संयोजक श्री बिशुनधारी सुमन ने कहा कि हमें और सशक्त व संगठित होने की जरूरत है । सम्मेलन को सर्वश्री जगदेव सिंह , बनारसी आलम , गनौरी , राजेन्द्र मांझी , रामबिलास शर्मा , दिनेश यादव ने संबोधित किया । संचालन श्री रमेश ने किया ।
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