भारत समाचार न्यूज एजेंसी
संत कबीर नगर, उत्तर प्रदेश।
संतकबीर नगर जिले के धनघटा थाना क्षेत्र के एक मामले मे सजायाप्त कैदी को उच्च न्यायालय के आदेश के बाद भी रिहा ना करने पर जेलर जिला कारागार संतकबीर नगर को उच्च न्यायालय ने तलब कर 26 अगस्त को न्यायालय में उपस्थित होने का आदेश दिया है। मामला धनघटा थाना क्षेत्र का है जिसमे कि जिला न्यायलय संतकबीर नगर ने 24 अगस्त 2024 को दोषी को रेप व पोक्सो के मामले में 12 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई थी। इसके उपरान्त माननीय उच्च न्यायालय के अधिवक्ता अखिल कुमार सिंह ने दोषी कि तरफ से उच्च न्यायालय मे अपील दाखिल और दंडादेश निलंबन हेतु प्रार्थना पत्र दाखिल किया था। उक्त प्रार्थना पत्र को स्वीकार करते हुए माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद ने कैदी की सजा को 17 जुलाई 2025 को निलंबित कर दिया और रिहाई का आदेश पारित किया था। उक्त आदेश के उपरांत 8 अगस्त 2025 को जेलर, जिला कारागार संतकबीर नगर ने कैदी को रिहा करने से मना करते हुए आदेश मे धाराओं की त्रुटि का हवाला देते हुए आपत्ति लिखी थी।
इसके उपरान्त अधिवक्ता अखिल कुमार सिंह ने एक प्रार्थना पत्र और जेलर की आपत्ति लगाते हुए माननीय उच्च न्यायालय से उचित आदेश पारित करने की प्रार्थना की जिसपर माननीय उच्च न्यायालय ने यह पाया कि आदेश दिनांक 24 अगस्त 2024 जो कि जिला न्यायालय ने पारित किया था और आदेश दिनांक 17 जुलाई 2025 जो माननीय उच्च न्यायालय ने पारित कर दंडादेश निलंबित किया था, इन दोनों आदेशों मे मुकदमा अपराध संख्या एवं सभी धारायें बिलकुल सही लिखी गयी थी और जेलर के आपत्ति का कोई औचित्य नहीं पाया। उक्त प्रार्थना पत्र पर सुनवाई के उपरांत माननीय उच्च न्यायालय ने आदेश दिनांक 19 अगस्त 2025 में यह कहा कि ज़िला न्यायालय एवं माननीय उच्च न्यायालय के आदेश में कोई त्रुटी नहीं है और जेलर ज़िला कारागार संतकबीर नगर को दिनांक 26 अगस्त 2025 को माननीय उच्च न्यायालय ने उपस्थित रहने का आदेश दिया एवं जेलर से व्यक्तिगत हलफनामा दाख़िल करने का आदेश दिया। माननीय उच्च न्यायालय ने यह भी आदेश दिया कि जिला न्यायालय यह सुनिश्चित करे कि अपीलर्थी तत्काल प्रभाव से जेल से रिहा किया जाए। माननीय उच्च न्यायालय में अपीलार्थी की ओर से अधिवक्ता अखिल कुमार सिंह ने पैरवी की।
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