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बेतिया में संपन्न हुआ दहेजमुक्त शादी समारोह,मिशाल हुआ कायम।

शहाबुद्दीन अहमद

बेतिया, बिहार।

स्थानीय नगर थाना क्षेत्र में अवस्थित द्वारदेवी चौक,वार्ड नंबर 11के पास,बड़ी मस्जिद के निकट,स्वर्गीय सगीर आलम के पुत्र,समीम हैदर की सुपुत्री,शुमैला शमीम का निकाह,जीशानअकबर,सुपुत्र,मोहम्मदअकबर,सैदपुर,मुजफ्फरपुर के साथ बड़े ही खूबसूरतअंदाज में,सादगी के साथ दहेज मुक्त शादी संपन्न हुआ।इसअवसर पर,शहर के सैकड़ो की संख्या में गणमान्य व्यक्ति,शायर,शिक्षक,अदीब, कवि की उपस्थिति सराहनीय रही।इस शादी के मौके पर पूरे खानदान के लोग,इष्ट मित्र, सगेसंबंधी सभी मौजूद थे। 

साथ ही इस मौके पर,दुल्हन के छोटे दादा,नजीरआलम, किताब मंजिल वाले जो इस परिवार में मात्र एक ही बचे हैं,उन्होंनेअपनी जिम्मेवारी बड़े ही अच्छे तरीके से,पूरे तौर पर सही निगहबानी,निगरानी,

देखभाल का कामअंजाम दिया।दुल्हन के बड़े पापा, नसीम हैदर ने शादी लगने के बाद से ही पूरी मुस्तैदी के साथ शादी की सारी तैयारी, प्रोग्राम को बड़ी हीअकालमंदी सेअंजाम दे दिया।इस शादी के मौके पर दुल्हन के दादा,चाचा भाई,बहन,सगे संबंधी,काफी संख्या में मौजूद रहे।शिक्षक,फहीम हैदर नदवी ने भी इस मौके पर हर तरह से शादी के प्रोग्राम को संभालने में मदद की।इस शादी के अवसर पर,आमंत्रित किए गए सभी लोगों ने जमकर खाने के प्रोग्राम का आनंद उठाया,साथ ही विभिन्न प्रकार के मिष्ठान भोजनों से शिकमसैर होकर स्वादिष्ट भोजन का आनंद लेते रहे।निकाह में शामिल होकर उपस्थित सभी लोगों ने दूल्हा दुल्हन को मुबारकबाद, बधाइयां,शुभकामनाएं दी, साथ ही बेहतर तरीके से दांपत्य जीवन गुजरने की कामना की,उज्जवल भविष्य की दुआ दी।इस शादी के मौके पर,मुख्य रूप से उपस्थित होने वालों में,सैयद शहाबुद्दीनअहमद,पत्रकार, सैयद शकीलअहमद व्यवसाई

विपिन जायसवाल,मोहम्मद अलाउद्दीन,इंजीनियर,इजहार अहमद,जावेदअहमद,हसन इमाम,शोएबअहमद,एजाजुल कुरैशी,शफकत रजा,मोहम्मद आरिफ,इरशादअख्तर दुलारे,

इश्तियाकअहमदअधिवक्ता, नगरपार्षद,अरमानअहमद, नियाजअहमद,इरशादअहमद,

मदरसा इस्लामिया बेतिया के सभी मुफ़्तियान,मौलानाअली अहमद कासमी,इबरार अहमद,शौकतअली,अब्दुल कैश,मिस्टर,मिंटू,बाबर,पिंटू इफ्तिखार केअलावा सभी मोहल्लेवासीयों की उपस्थित ने इस शादी को चार चांद लगा दिया।बारात लेकर आए लड़के वाले ने भी बड़े ही

सजधज कर,स्नेह,प्रेम के साथ,आपसी मेलजोल से सारे

शादी के कार्यक्रम को बखूबी अंजाम दे दिया,कहीं से भी किसी तरह का कोई व्यवधान उत्पन्न नहीं हो सका,शादी की सभी रस्म,रुखसती वगैरह अच्छे तरीके सेअंजाम पा गया। दुल्हन की रुखसती के समय पूरा परिवार,पिता,माता, भाई,बहन,चाचा,चाची, दादा,दादी,इष्ट मित्र,सगे संबंधी सभी केआंखों में जुदाईऔर प्यार केआंसू छलक पड़े,घर का सारा माहौल गमगीन हो गया,विदाई के साथ जुदाई एक प्राकृतिक मानवता का खेल है,जो सब परिवार के बेटियों के साथ एक न एक दिन होना ही है। यह एक सामाजिक प्रक्रिया है, जिसको किसी भी कीमत पर निभाना पड़ता है।

Jr. Seraj Ahmad Quraishi
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