जिला स्तर पर होगा रैपिड सर्वे, लखनऊ में टाइमलाइन तय
साहिबे आलम
लखनऊ, उत्तर प्रदेश।
उत्तर प्रदेश में थमी नगर निकाय चुनाव की प्रक्रिया को एक बार फिर शुरू करने की तैयारी की गई है। जिलों के स्तर पर ओबीसी सर्वे कराकर रिपोर्ट तैयार कराई जाएगी। एक महीने में सर्वे कर ओबीसी आबादी का डेटा तैयार होने की उम्मीद है। यूपी राज्य स्थानीय निकाय समर्पित पिछड़ा वर्ग आयोग की कलेक्ट्रेट में हुई बैठक के दौरान इस संबंध में दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। इस मौके पर लखनऊ, रायबरेली, उन्नाव, हरदोई और सीतापुर के जिलाधिकारी मौजूद रहे। आयोग ने सभी जिलों में एक माह के अंदर सर्वे करवा डेटा देने को कहा है। डेटा मिलने के बाद आयोग अपने स्तर से सत्यापन करवाएगा।
कलेक्ट्रेट के एपीजे अब्दुल कलाम सभागार में आयोजित बैठक में आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) राम अवतार सिंह, सदस्य चोब सिंह वर्मा, महेन्द्र कुमार, संतोष कुमार विश्वकर्मा मौजूद रहे। आयोग के सदस्य चोब सिंह वर्मा ने बताया कि सभी नगर निकायों में अन्य पिछड़ा वर्ग की आबादी का वास्तविक आकलन किया जाना है। इसके लिए नए सिरे से सर्वे होगा ताकि तथ्यात्मक निष्कर्ष निकाला जा सके। सर्वे एक महीने के अंदर पूरा करवाया जाना है।
डीएम सूर्यपाल गंगवार ने आयोग को बताया कि लखनऊ में साल 2017 और 2022 में रैपिड सर्वे हो चुका है। निर्देशानुसार अब फिर से करवाया जाएगा। इस मौके पर रायबरेली की डीएम माला श्रीवास्तव, उन्नाव की डीएम अपूर्वा दुबे, हरदोई के डीएम मंगला प्रसाद सिंह, सीतापुर के डीएम अनुज सिंह के साथ ही लखनऊ नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह मौजूद रहे। बैठक में रैपिड सर्वे की समय सीमा का निर्धारण किया गया है।
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