नेपाली मुस्लिम स्टूडंट्स ऑर्गनाइजेशन कार्यालय पर भी सुबह 11 बजे अदा की गई कुल शरीफ की रस्म और बड़े पैमाने पर लंगर हुआ तक़सीम।
सुन्नी,सुफी,खानक़ाही बरेलवी मुसलमान ही जाते हैं:तौहीद
नेपालगंज, नेपाल।
NMSO मिडिया प्रभारी ने बताया कि सुल्तानुल हिन्द हज़रत ख़्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती अजमेरी रहमतुल्लाह अलेह के कुल शरीफ की रस्म नेपाली मुस्लिम स्टूडंट्स ऑर्गनाइजेशन के नेपालगंज मुख्य कार्यालय में शानो-शौकत के साथ सुबह 11 बजे अदा कीगई,
सरपरस्ती मुफ्ती कैहफुलवरा मिस्बाही साहब और सदारत मौलाना नसीरुद्दीन अंसारी साहब ने फरमाई। इस कुल शरीफ में नेपालगंज, बर्दिया आदि और आस पास के छेत्रों से गरीब नवाज़ और आलाहज़रत के हजारों अक़ीदत मंदों ने शिरकत की।सुबह कुरआन खुवानी से महफिल शुरु हुई। कारी नुर मोहम्मद सुब्हानी और आसिम रज़ा और उनकी पार्टी ने मीलाद का प्रोग्राम पेश किया।एन एम एस ओ के मौलाना फुरकान आलम फैजी साहब ने गरीब नवाज के उर्स की अहमियत पर रौशनी डाली और बताया के यह उर्स सुन्नी सुफी खानकाही बरेलवी विचार धारा का मध्य एशियाई देशों में सब से बडा प्रचारक है।मुफ्ती सलीम बरेलवी ने ऑनलाइन अपनी तकरीर में कहा कि ख्वाजा गरीब नवाज का मिशन सुन्नियत, अकाइदे अहले सुन्नत का प्रसार करना और मजाराते औलिया, नियाज फातिहा और खडे होकर सलातो सलाम पडने से रोकने वालों का विरोध करना था और लोगों के दिलों में इशके रसुल की शमा रौशन करना था और गरीब नवाज के इसी मिशने तहफ्फुज़े सुन्नियत का सब से जियादा बडे पैमाने पर प्रसार और फरोग आलाहज़रत ने किया इस लिए गरीब नवाज के मिशन के सब से बडे प्रचारक का नाम इस समय आलाहज़रत है। उन्होने आगे कहा कि गरीब नवाज और मजाराते औलिया पर तो केवल सुन्नी सुफी,खानकाही,बरेलवी विचार धारा और आलाहज़रत के इस संबंध में दिए गए फतवों पर अमल करने वाले ही जाते हैं।एन एम एस ओ के राष्ट्रीय अध्यक्ष तौहीद रजा ने कहा कि आलाहज़रत तो अजमेर शलीफ को केवल अजमेर कहने को सख्त नापसंद करते थे। आलाहज़रत को गरीब नवाज से अलग कर के नहीं देखा जा सकता और ना कोई अलग कर सकता है,क्योंकि आलाहज़रत ने तो गरीब नवाज का खादिम व गुलाम बन कर ही उन का पुरी जिंदगी काम किया है।जो लोग बरेली शरीफ और अजमेर शरीफ को लडाने का प्रयास कर रहे हैं वह हरगिज कामयाब नहीं हो सकते।एन एम एस ओ के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य कारी शरीफ रजवी ने कहा कि गरीब नवाज़ का दरबार हिन्द के बादशाह का दरबार है,उसका अदब यह है कि वहां उस बादशाह और बादशाह के प्यारों का चर्चा और बादशाह की महबुब चीजों का जिक्र किया जाए।एन एम एस ओ मीडिया से जुडे मुफ्ती अनवर रजा ने कहा कि गरीब नवाज और वलियों की बारगाह में नियाज,फातिहा ,सलाम आहिसता आवाज में और अदब के साथ पेश करें।एन एम एस ओ की ओर से राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य शाहिद रजा,आसिफ नूरी,तजममुल नूरी,अरशद नूरी आदि ने बडे पैमाने पर लंगर और तबररुक तकसीम किया।
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