अमित कुमार त्रिवेदी
कानपुर नगर, उत्तर प्रदेश।
गौसेविका एडवोकेट पूनम पाण्डेय ने बताया कि दिनाँक 12/06/21 में सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत जिलाधिकारी कार्यालय कानपुर में उपलब्ध गौचर/चरागाह भूमि से सम्बंधित सूचना हेतु आवेदन किया था। एडवोकेट पूनम पाण्डेय ने जनसूचना अधिकारी से 6 बिंदुओं पर सूचना माँगी थी,जिसमें से प्रमुख प्रश्न कानपुर में उपलब्ध कुल कितनी गौचर/चरागाह भूमि उपलब्ध है ?कितनी गौचर/चरागाह भूमि अतिक्रमणग्रस्त है?प्रशासन द्वारा गौचर/चरागाह भूमि को खाली कराने के लिये अबतक की कृत कार्यवाही आदि से सम्बंधित प्रश्न पूछे थे। किन्तु जनसूचना अधिकारी द्वारा समय पर जवाब न दिये जाने पर राज्य सूचना आयोग लखनऊ में द्वितीय अपील की थी जिसपर अब तक 3 बार सुनवाई हेतु बुलाया गया था। जिसपर अंतिम सुनवाई पर विलंब से दी गई भ्रामक सूचना देने पर राज्य सूचना आयोग द्वारा जनसूचना अधिकारी कार्यालय तहसीलदार सदर
जिला कानपुर पर दिनाँक 06/03/23 को अर्थदण्ड अधिरोपित करते हुए दण्ड वसूली के आदेश देते हुए अपीलार्थी को निशुल्क सूचना उपलब्ध कराने के लिये कहा है।
एडवोकेट पूनम पाण्डेय ने बताया कि गौमाता के हिस्से की गौचर भूमि खाली कराने के लिये अभी एक कदम की सफलता मिली है,सही और प्रमाणित सूचना न मिलने पर अब वो गौमाता की गौचर भूमि को खाली कराने के लिए इस आर टी आई का आधार लेकर हाईकोर्ट में अपील करेंगी ताकि निराश्रित कहि जाने वाली गौमाता और गौवंश को उनको अपने हिस्से की गौचर भूमि मिल सके, जिसपर न जाने कितने लोगों ने अतिक्रमण कर रखा है। एडवोकेट पूनम पाण्डेय ने कहा है कि गौवंश को न्याय दिलाने के लिये हर सम्भव प्रयास कर रही हैं और आगे भी करती रहेंगी।
© Copyright All rights reserved by India Khabar 2025