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डीलर को मोटरसाइकिल का कागजात न देना पड़ा महंगा।

अधिवक्ता अन्जय कुमार श्रीवास्तव के बहस पर जिला उपभोक्ता आयोग ने सुनाया फैसला।

संतकबीर नगर, उत्तर प्रदेश।

बजाज मोटर सायकिल बेचने के बाद रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र का कागज खरीददार को न देना डीलर को मंहगा पड़ गया। जिला उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष सुरेंद्र कुमार सिंह, सदस्य सुशील देव तथा महिला सदस्य संतोष ने डीलर द्वारा दोपहिया वाहन का कागजात न देने पर वाहन की संपूर्ण कीमत आठ प्रतिशत ब्याज के साथ रुपए 30 हजार अतिरिक्त अदा करने का आदेश दिया है। मामला धनघटा थाना क्षेत्र का है।

  धनघटा थाना क्षेत्र के दूल्हापार गांव निवासी महमूदुल हसन ने अपने अधिवक्ता अन्जय कुमार श्रीवास्तव के माध्यम से न्यायालय में परिवाद दाखिल कर कहा कि उन्होंने सितंबर 2019 में पौली स्थित सारिका ऑटो सेल्स बजाज टू व्हीलर के प्रबंधक पवन दुबे से एक दो पहिया वाहन बजाज सीटी 100 खरीदा, जिसकी कुल कीमत रुपए 52 हजार 2 सौ थी। डीलर मालिक ने बताया था की एआरटीओ रजिस्ट्रेशन और बीमा का शुल्क भी इसी में शामिल है, 15 दिन के बाद आकर सभी कागजात ले जाइएगा। उन्होंने वाहन की पूरी कीमत चुका दिया। विक्रेता के द्वारा सिर्फ एक सेल लेटर दिया गया। 15 दिन का समय बीतने के बाद कागजात लेने गया तो विक्रेता के द्वारा टालमटोल किया जाने लगा। डीलर से कागजात पाने के लिए उन्होंने बहुत प्रयास किया परंतु उन्हें कागजात नही मिल सका। थक हार कर न्यायालय में मुकदमा दाखिल करना पड़ा।

    न्यायालय ने परिवाद पर दाखिल प्रपत्रों व साक्ष्यों का अवलोकन करने तथा अधिवक्ता के बहस को सुनने के उपरांत 60 दिन के भीतर वाहन से संबंधित कागजात देने का आदेश दिया है। उक्त समयावधि में कागजात न देने पर वाहन वापस लेकर कुल कीमत रुपए 52 हजार दो सौ आठ प्रतिशत ब्याज के साथ क्षतिपूर्ति के रूप में 30 हजार अतिरिक्त अदा करना होगा।

Jr. Seraj Ahmad Quraishi
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