हफ़ीज अहमद खान
कानपुर नगर, उत्तर प्रदेश।
भारतीय बाल रोग अकादमी द्वारा मनाये जा रहे विश्व ओ.आर.एस. सप्ताह के पैरामेडिकल स्टाफ व अभिभावक पर कार्यक्रम आयोजन किया गया । कार्यक्रम का संचालन डा अमित चावला वा डा वी.एन. त्रिपाठी और डा0अरूण कुमार आर्या ने किया, डा अमित चावला ने बताया कि आज भी दुनिया में 40% बच्चों को डायरिया का सही इलाज मिल पाता है। डायरिया एक गम्भीर बिमारी है, सम्पन्न देशों में आज भी निमोनिया के बाद डायरिया दूसरी सबसे बड़ी खतरनाक बीमारी मानी जाती है । ओ.आर.एस. घोल और ओरल डीहाईड्रेशन थेरेपी यानी ओ.आर.एस की शुरुआत सन्1978 में डब्ल्यू. एच.ओ ने उसकी उपलब्धि समान से की थी इससे डायरिया से होने वाली मौतों की संख्या में कमी पाई गई। इसलिए इसे सदी का मेडिकल साइंस की बड़ी उपलब्धि माना जाता है।
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