शहाबुद्दीन अहमद
बेतिया, बिहार।
स्थानीय सरकारी मेडिकल कॉलेजअस्पताल में 2016 से चालू नशामुक्ति केंद्र को अब बंद कर दिया गया है,कई तरह के बहाना बनाकर,व्यवस्था का पर्दा डालकर,स्थानीय अस्पताल प्रशासन को बंद करने का मौका मिल गया है। वर्ष 2016 में जब इस अस्पताल में नशामुक्ति केंद्र खोला गया था,उस समय 23 रोगी का इलाज चल रहा था,जिसमे कुल 10 बेड लगाए गए थे। इस नशामुक्ति केंद्र के निर्माण में 50 लाख रुपया खर्च किया गया था।2 वर्ष तक संचालित होने के बाद 2018 में बंद कर दिया गया। वर्तमान में स्थिति यह है कि लगभग 5 साल से यह नशामुक्ति केंद्र बंद कर दिया गया है,जो पुराने बिल्डिंग में चल रही थी,मगर नए भवन निर्माण में इसके स्थापना के लिए बी ब्लॉक में भवन निर्माण हो गया है, मगर उसने पुलिस पिकेट चल रही है,इधर 5 सालों से नशा मुक्ति के रोगियों को काउंसलिंग भी नहीं हो रही है,और ना ही उसका इलाज भी हो पा रहा है,जिससे शराब पीने वाले लोगों की संख्या में काफी बढ़ोतरी हो गई है,और सरकार की शराबबंदी योजना को ठेंगा दिखाया जा रहा है। नशामुक्ति केंद्र खोलने के समय इससे संबंधितआवश्यक उपकरण लगाए गए थे,जिसकाअभी कुछ अता-पता नहीं चल पा रहा है कि यह सभी महंगी उपकरण कहां पर रखा हुआ है,यह जांच का विषय है।
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