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जीएमसीएच बेतिया का लिफ्ट, एक्स-रे मशीन,जलापूर्ति, विद्युत आपूर्ति,स्ट्रेचर की स्थिति दयनीय,रोगी बेहाल,परेशान।

शहाबुद्दीन अहमद

बेतिया, बिहार।

स्थानीय नगर थाना क्षेत्र में अवस्थित,बेतिया का सरकारी मेडिकल कॉलेजअस्पताल इन दिनों कई ज्वलंत समस्याओं से जूझ रहा है,इसअस्पताल में लिफ्ट,एक्स-रे मशीन,जल आपूर्ति,विद्युतआपूर्ति,स्ट्रेचर, शौचालय की व्यवस्थाअति दयनीय हो गई है। रोगी और उसके परिजन की फजीहत हो रही है,अस्पताल प्रशासन सब कुछ देखते हुए भी मुक्तदर्शक बनी हुई है,बल्कि यह कहना ज्यादा उचित होगा कि जनता को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के सरकार के दावे की हवा निकल गई है।

इस अस्पताल का सी ब्लॉक जहां पांचो ताले में मरीज को भर्ती कर उनका इलाज किया जा रहा है,इसकी स्थिति बद से बदतर नजर आ रही है। मरीजों की बढ़ती संख्या उनके इलाज,दवा,बेड की उपलब्धता इन तीनों मामले में अस्पताल प्रशासन अपनी पीठ थपथपा रही है,लेकिन उसे भी पता है कि वह अपने कर्मियों,मैरिजो परिजनों को बुनियादी सुविधा उपलब्ध कराने के मामले में फिसड्डी है,जैसाकि सभी को मालूम है कि इस सरकारी मेडिकल कॉलेज 8 हजार करोड़ की लागत से बन रही है, मगरआम जनता के लिए सारी सुविधाएं उपलब्ध नहीं हो पा रही हैं,इसमेंअस्पताल के प्रशासनिकअधिकारी पूरी तरह अपने लापरवाही के जिम्मेदार हैं।रोगियों और उनके परिजनों के द्वारा लगातार शिकायत मिल रही है कि इसअस्पताल में एक-रे मशीन,लिफ्ट,पानी बिजली,बेड की आपूर्ति नहीं, शौचालय की गंदगी,इत्यादि अनेक कठिनाइयां के साथ रोगियों के लिएआने और ले जाने के लिए स्ट्रेचर की कमी केअलावा दवाऔर पानी की कमी की शिकायत प्रतिदिन मिल रही है,मगरअस्पताल प्रशासन के कानो पर जूं तक नहीं रेंग रही है।

विदित हो कि इसअस्पताल में लगभग 550 बेड की क्षमता वाले सभी ब्लॉक में तीन लिफ्ट लगे हैं,जिसमें दो मरीज और उनके परिजनों के लिए तथा एक लिफ्ट चिकित्सक,नर्सिंग ऑफिसर व अन्य कर्मियों के लिए हैं।अभी स्थिति यह है कि मरीज उनके परिजनों के लिफ्ट की व्यवस्था तो दूर चिकित्सकों और नर्सिंग ऑफीसरों के लिए भी लगा लिफ्ट अक्सर बंद रहता है, जिस परअस्पताल प्रबंधन, बिजली नहीं होने या लिफ्ट खराबी होने की बात कहकर पना पल्ला झाड़ लेती है, मगरसबसे ज्यादा खमयाजा तीसरे तलले पर इलाज के लिए जाने वाली गर्भवती महिलाएं,पांचवें तलले पर इलाज के लिए जाने वाले दुर्घटनाग्रस्त रोगी,ऑपरेशन के मरीजों के साथ-साथ बुजुर्गों, दिव्यांगों, बच्चों को झेलना पड़ता है।चिचुलाती धूप और गर्मी में पानी उपलब्ध नहीं होने के कारण मरीज व उनके परिजनों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है,स्थानीय लोगों,रोगियों का कहना है कि पीने के पानी की बात छोड़ दीजिए,यहां शौचालय तक में पानी नहीं रहती है,सभी तल्लों पर वाटर कूलर तो लगे हैं,लेकिन अक्सर काम नहीं करते हैं,यहां मरीज व उनके परिजनअपने हाथ में खाली बोतल लेकर पानी के लिए भटकते नजर आते हैं, पीने का पानी हर समय उपलब्ध नहीं होने के कारण परिजन बाहर से पानी भरकर लाते हैं,नहीं फिर उन्हें बोतल का बंद पानी खरीदना पड़ता है।इन दिनों यह सरकारी मेडिकल कालेजअस्पताल काफी दयनीय स्थिति से गुजर रही है,जो बयान करने लायक नहीं बची है।

Jr. Seraj Ahmad Quraishi
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