गोरखपुर, उत्तर प्रदेश।
शिक्षिका गौसिया ने बताया कि रोजे से गफलत दूर होती है इसलिए बंदा अल्लाह का करीबी हो जाता है। हदीस शरीफ में है कि रमजान और कुरआन रोज़ेदार की शफाअत करेंगे। अल्लाह तआला ने फरमाया कि बंदा रोजा मेरे लिए रखता है और उसकी जजा मैं दूंगा। बंदा अपनी ख्वाहिश और खाने को मेरी वजह से छोड़ता है। रोजेदार के लिए दो खुशियां हैं एक इफ्तार के वक्त और एक अल्लाह से मिलने के वक्त। रोजा रखने से बंदा अल्लाह का करीबी बन जाता है। सहरी करना पैगंबरे इस्लाम हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की सुन्नत है लिहाजा सहरी जरूर करें।
इंजेक्शन लगवाने से रोज़ा नहीं टूटता।
रमज़ान हेल्पलाइन नंबर 9454674201 पर सवाल-जवाब का सिलसिला जारी रहा। लोगों ने नमाज़, रोज़ा, जकात, फित्रा आदि के बारे में सवाल किए। उलमा ने क़ुरआन व हदीस की रोशनी में जवाब दिया।
1. सवाल : रोज़े की हालत में अगर खांसते समय मुंह से खून या बलगम आ जाए तो क्या हुक्म है?
जवाब : अगर खून हल्क से नीचे नहीं उतरा
© Copyright All rights reserved by India Khabar 2025