Tranding

नेक राह पर चलने का मौका देता है रमजान - हाजी खुर्शीद आलम

गोरखपुर, उत्तर प्रदेश।

इलाहीबाग के समाजसेवी हाजी खुर्शीद आलम खान ने कहा कि आज हम एक ऐसे दौर से गुजर रहे हैं जहां इंसानियत दम तोड़ती नजर आ रही है लोगों पर खुदगर्ज़ी हावी होती जा रही है ऐसे में रमजान खुद की खामियों को दूर कर नेक राह पर चलने का मौका देता है। रमजान में चाहे दीन हो या फिर दुनिया दोनों संवरती है। रोजेदार अपनी आदतों की विपरीत अल्लाह के हुक्म का पूरी तरह पाबंद हो जाता है। समय पर सहरी और इफ्तार करता है। अल्लाह को राजी करने के लिए रोजे की हालत में भूख और प्यास बर्दाश्त करना मुसलमानों को सब्र सिखाता है। इंसान जब भूखा प्यासा होता है तो उसका नफ़्स सुस्त और कमज़ोर होकर गुनाहों से बचा रहता है। उसे इबादत में लुत्फ आने लगता है। जब अल्लाह की बारगाह में इबादत कुबूल होती है तो बंदों की दुआ भी कुबूल होने लगती है। रोजे की हालत में अपने शरीर के हर हिस्से जैसे आँख, जुबान, कान और दिल की हिफाज़त करता है। रमजान बंदों को अच्छाई का अभ्यास कराता है, ताकि ग्यारह माह भी इसी तरह गुजर जाए।

Jr. Seraj Ahmad Quraishi
29

Leave a comment

Most Read

Advertisement

Newsletter

Subscribe to get our latest News
Follow Us
Flickr Photos

© Copyright All rights reserved by India Khabar 2025