गोरखपुर, उत्तर प्रदेश।
छोटे काजीपुर के समाजसेवी मोहम्मद अदहम ने कहा कि इसी मुबारक महीने की एक रात में कयामत तक आने वाले तमाम इंसानों की रहनुमाई के लिए अल्लाह की किताब कुरआन आसमान से दुनिया पर उतारी गई। जिससे फायदा हासिल करने की बुनियादी शर्त परहेजगारी है। अल्लाह का इरशाद है ‘‘यह किताब ऐसी है कि इसमें कोई शक नहीं, हिदायत है परहेजगारों के लिए मतलब अल्लाह से डरने वालों के लिए”। दूसरी तरफ अल्लाह ने कुरआन में रोजों को फर्ज़ किए जाने का मकसद बताते हुए फरमाया ‘‘यानी तुम पर रोजे फर्ज़ किए गए ताकि तुम परहेजगार बन जाओ” इस मुबारक महीने में एक ऐसी रात है जिसे शबे कद्र कहते हैं जिसमें इबादत करना हज़ार महीनों की इबादत से अफजल है। यह महीना अल्लाह की इबादत, इताअत और लोगों के साथ हमदर्दी व गमगुसारी और कुरआन का महीना है।
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