सैय्यद फरहान अहमद
गोरखपुर, उत्तर प्रदेश।
माह-ए-रमजान में रोजेदारों के रूह व जिस्म की ट्रेनिंग जारी है। रमजान का दूसरा अशरा खत्म होने वाला है। रोजेदार अल्लाह की रजा के लिए रोजा रखकर, नमाज पढ़कर व मालिके निसाब जकात व फित्रा अदा कर अपने व मुल्क के लिए दुआ मांग रहे हैं। बुधवार को 18वां रोजा मुकम्मल हो गया। रोजेदारों ने भरपूर इबादत की। माह-ए-रमज़ान में हर तरफ रहमत व नूर की बारिश हो रही है। तीसरा अशरा जहन्नम से आजादी का चंद दिनों के फासले पर है। रमजान के अंतिम दस दिन की पांच रातों यानी 21, 23, 25, 27 व 29 में से एक शबे कद्र की रात है। जिसमें इबादत करने पर बेशुमार सवाब मिलता है। वहीं रमजान के दस दिन शहर की तमाम मस्जिदों में एतिकाफ भी होगा। मस्जिद नमाजियों से गुलजार है।
सोशल मीडिया पर भी रमजान की बहारें हैं। कुरआन-ए-पाक की आयत, हदीस-ए-पाक व दुआ एक दूसरे से शेयर की जा रही है, साथ ही जकात व फित्रा जरूरतमंदों को देने की अपील भी हो रही है। ऑनलाइन तकरीर व नात-ए-पाक भी सुनी जा रही है। व्हाटसएप ग्रुप पर रमजान के मसले मसाइल बताए जा रहे हैं। ईद की खरीदारी शुरु हो चुकी है। घंटाघर, रेती, गीता प्रेस, गोलघर, शाह मारूफ आदि जगहों पर ईद के लिए खरीदारी हो रही है।
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