खुले में न करे जानवरों की कुर्बानी:अहसन मियां
बरेली, उत्तर प्रदेश।
दरगाह आला हज़रत के सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन रज़ा क़ादरी(अहसन मियां) ने कहा कि ईद-ए-कुरबॉ हज़रत इब्राहीम अलैहअस्सलाम की सुन्नत है। मुसलमान इस सुन्नत को बिना किसी को तकलीफ पहुंचाए खुशदिली के साथ अदा करे। कुर्बानी का मकसद शोहरत हासिल करना या दिखावा हरगिज़ नहीं होना चाहिए। बल्कि इसका मकसद परहेजगारी और नेकोकारी का जज़्बा अपने दिल में पैदा कर नियत सिर्फ अपने अल्लाह को राज़ी करना हो। रियाकारी(दिखावा) अल्लाह को पसंद नहीं।
दरगाह से जुड़े नासिर कुरैशी ने बताया कि आज दरगाह कार्यालय पर सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन मियां ने मुल्क भर के मुसलमानों को एडवाइजरी जारी करते हुए कहा कि मुल्क भर में ये त्यौहार 07 जून से 09 जून तक मनाया जायेगा। इन तीनों दिन(07 जून सूर्यदय से 09 जून सूर्यस्त से पहले तक)मुसलमान जानवरों की कुर्बानी देगें। शरई मालदार मर्द औरत मुसलमान पर कुर्बानी वाजिब है। कुर्बानी करते समय अपने हम वतन भाइयों का ख्याल रखें। जानवरों की तस्वीर व वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर न करें। वही जानवरो की कुर्बानी खुली जगह में न करे। कही बंद जगह में इसका इंतजाम किया जाए। मज़हब-ए-इस्लाम में साफ सफाई पर विशेष ध्यान दिया गया है। जानवरों का खून नालियों में न बहाए व कुर्बानी के बाद उसके अपशिष्ट पदार्थ किसी गड्ढे दफन कर दे। कोई ऐसा कार्य नही करे जिससे किसी की भावनाएं आहत हो। सभी त्यौहार आपसी इत्तेहाद और भाईचारे का पैगाम देते है। कुर्बानी के हिस्से में गरीबों का खास ख्याल रखें।
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