Tranding

शिक्षक दिवस खास : मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षकों को पांच साल से नहीं मिला मानदेय।

-मदरसा आधुनिकीकरण योजना 

-करीब163 मदरसों में कार्यरत हैं 489 शिक्षक।

-धरना, प्रदर्शन व आंदोलन के बावजूद अभी तक इनकी बात किसी ने नहीं सुनी।

सैय्यद फरहान अहमद

गोरखपुर, उत्तर प्रदेश।

शिक्षक दिवस पर जहां एक ओर शिक्षकों का सम्मान होगा वहीं कुछ शिक्षक ऐसे हैं जो सम्मान तो दूर की बात पांच साल से मानदेय के लिए भी तरस रहे हैं। कई बार धरना-प्रदर्शन व आंदोलन के बावजूद अभी तक उन शिक्षकों की बात किसी ने नहीं सुनी। हम बात कर रहे हैं मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षकों की। केंद्र सरकार द्वारा करीब पांच साल से मानदेय न दिए जाने के कारण मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षकों का बुरा हाल है। शिक्षक नौकरी छोड़ने को मजबूर हैं। केंद्र पुरोनिधानित मदरसा आधुनिकीकरण योजना के तहत प्रदेश के मदरसों मेें विज्ञान, गणित, अंग्रेजी, सामाजिक विज्ञान पढ़ाने वाले शिक्षकों को मानदेय का बड़ा हिस्सा नहीं मिल रहा है। फिलहाल प्रदेश सरकार अपना अंशदान दे रही है लेकिन केंद्र के अंशदान न मिलने से आर्थिक दिक्कतों से जूझ रहे शिक्षक कर्ज के बोझ तले दबे हुए हैं। 

शिक्षिका गौसिया सुम्बुल ने बताया कि सरकार कई बार मदरसों का सर्वे व जांच करवा चुकी है लेकिन उसके बावजूद भी केंद्र सरकार की ओर से मानदेय नहीं मिल रहा है। राज्य सरकार से मिलने वाले अंशदान से घर नहीं चल सकता। 2014 के बाद से कई गुना महंगाई बढ़ने के बावजूद राज्यांश में कोई बढ़ोत्तरी नही की गई है।

शिक्षक सैयद मेहताब अनवर ने कहा कि पिछले छह साल से केंद्र सरकार ने मानदेय नहीं दिया है। पैसे के अभाव में बहन की शादी रुकी हुई है। चार माह से राज्यांश भी नहीं मिला है। हालात खराब हैं। घर चलाना बहुत मुश्किल है।

शिक्षक नवेद आलम ने बताया कि मानदेय को लेकर कई बार आंदोलन भी हो चुका है। सभी शिक्षकों की माली हालत खराब हो चुकी है। कई शिक्षकों की तो आकस्मिक मृत्यु भी हो चुकी है। मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षकों की स्थिति बद से बदतर है। शिक्षक आरिफ ई रिक्शा चलाने पर मजबूर हो चुके हैं। कुछ को सामाजिक कारणों से मजबूर होकर नौकरी छोड़नी पड़ रही है। केंद्र सरकार ने मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षकों के साथ सौतेला व्यवहार किया है। सरकार का मदरसों को आधुनिक बनाने का दावा हवा हवाई है। 

शिक्षक आसिफ महमूद ने कहा कि शिक्षक वर्षों की नौकरी के बाद सरकार की उपेक्षा से टूट चुके हैं। अब कोई और काम करने की हिम्मत नहीं बची। सरकार को हम पर रहम करना चाहिए। पैसे के अभाव में थैलीसीमिया से पीड़ित बच्चे का सही से इलाज करवाने में मुश्किल पेश आ रही है। घर चलाना बहुत मुश्किल हो गया है।

शिक्षक मोहम्मद आजम ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा संचालित मदरसा आधुनिकीकरण योजना जब से शुरु हुई है तब से लेकर अब तक सरकार माहवार मानदेय देने की व्यवस्था सुनिश्चित नहीं कर सकी है। जिले में 163 के करीब मदरसे आधुनिकीकरण योजना से जुड़े हुए है। जिसके तहत जिले के करीब 489 शिक्षक आधुनिक विषयों की शिक्षा दे रहे है। प्रत्येक मदरसे में तीन शिक्षकों को केंद्र सरकार की तरफ से वेतन मिलता है। प्रशिक्षित शिक्षकों को केंद्रांश के तौर पर 12 हजार व राज्यांश के तौर पर तीन हजार रुपये मिलते हैं। परंतु वर्ष 2017 केंद्रांश के तौर पर मिलने वाली 12 हजार की धनराशि नहीं मिल रही है। जो सरकार मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षकों को मानदेय नहीं दे रही है वह सुविधाएं कैसे मुहैया कराएगी।

Jr. Seraj Ahmad Quraishi
63

Leave a comment

Most Read

Advertisement

Newsletter

Subscribe to get our latest News
Follow Us
Flickr Photos

© Copyright All rights reserved by India Khabar 2025