काव्य संग्रह "अल्फाज़ नगर" पर डॉ. अम्मार रिज़वी के विचार।
लखनऊ, उत्तर प्रदेश।
पत्रकार अबू शहमा अंसारी ने उत्तर प्रदेश के पूर्व कार्यवाहक मुख्यमंत्री डॉ. अमर रिज़वी से एक विशेष भेंट की। इस अवसर पर उन्होंने अपने पिता, प्रसिद्ध एवं सम्मानित कवि ज़की तारिक बाराबंकवी का काव्य संकलन "अल्फाज़ नगर" उन्हें भेंटस्वरूप प्रस्तुत किया।
डॉ. अम्मार रिज़वी ने संग्रह का संक्षिप्त अध्ययन करते हुए इसकी भूरि-भूरि प्रशंसा की और कहा कि ज़की तारिक बाराबंकवी की शायरी गहरे चिंतन, सुंदर अभिव्यक्ति और जीवन के विविध रंगों का आईना है। उन्होंने कहा, "'अल्फाज़ नगर' केवल एक काव्य संकलन नहीं, बल्कि भावनाओं, संवेदनाओं और वैचारिक ऊंचाइयों का सुंदर गुलदस्ता है। ज़की तारिक बाराबंकवी की शायरी परंपरा और आधुनिकता का संगम है, जो पाठकों के हृदय पर गहरी छाप छोड़ती है।"
डॉ. अम्मार रिज़वी ने आगे कहा कि उर्दू साहित्य के संवर्धन में ऐसे काव्य संग्रह महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होते हैं और नवीन पीढ़ी को इनसे प्रेरणा लेनी चाहिए। उन्होंने ज़की तारिक बाराबंकवी के काव्य योगदान की सराहना करते हुए शुभकामनाएँ दीं और यह आशा व्यक्त की कि उर्दू भाषा व साहित्य को समृद्ध करने के लिए इस प्रकार की कृतियों को अधिक से अधिक प्रचारित किया जाए।
इस अवसर पर प्रसिद्ध कवि व साहित्यकार डॉ. मुन्तज़िर क़ाएमी, सुप्रसिद्ध मर्सिया लेखक व कवि मीर अनीस के वंशज सैयद जमील नक़वी सहित कई अन्य सम्मानित हस्तियाँ भी उपस्थित थीं। उन्होंने "अल्फाज़ नगर" की साहित्यिक महत्ता और ज़की तारिक बाराबंकवी की काव्य यात्रा पर अपने विचार व्यक्त किए।
अंत में, डॉ. अम्मार रिज़वी ने उर्दू साहित्य के विकास के लिए निरंतर परिश्रम और समर्पण की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि उन्नत साहित्य के सृजन और उसके प्रचार-प्रसार से ही उर्दू भाषा को नई पीढ़ी तक पहुंचाया जा सकता है।
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