शहाबुद्दीन अहमद
बेतिया, बिहार
डॉ भीमराव अंबेडकर जयंती के अवसर पर लोग स्वतंत्र रूप संगठन रामकृष्ण विवेकानंद एजुकेशनल सोसाइटी बिटिया के संयुक्त तथा दान में एकदिवसीय परी संवाद का आयोजन किया गया,रामकृष्ण विवेकानंद विद्या मंदिर,बेलबाग,बेतिया में 'नागरिकअधिकारों के संरक्षण में डॉ.अंबेडकर का योगदान' विषयक,कार्यक्रम की अध्यक्षता,पीयूसीएल के जिलाध्यक्ष डॉ.आर.के.चौधरी ने की।डॉ.चौधरी ने कहा कि जातीय आधार पर किए जा रहे उत्पीड़न,शोषणअत्याचार के विरुद्ध डॉ.अंबेडकर के संपूर्ण विचार नागरिक अधिकारों के प्रति उनकी संवेदनशीलता दर्शाता है। मुख्य वक्ता,शिक्षाविद् एवं वरिष्ठ साहित्यकार डॉ.गोरख प्रसाद 'मस्ताना' ने कहा कि भारत का संविधान, मानवाधिकारों का खुला दस्तावेज है,जिसके शिल्पीकार थे,बाबासाहेब, उनका जीवन ही उनका दर्शन है।मुख्य अतिथि,पीयूसीएल के राज्य सचिव,डॉ.जगमोहन कुमार ने कहा कि नागरिक अधिकारों के संरक्षक डॉ. अंबेडकर सभी नागरिकों के लिए न्याय, समानता, स्वतंत्रता जैसे मूल ळअधिकारों के लिए आजीवन प्रयत्नशील रहें। संविधान में इसे कानूनी मान्यता दिलाई। विशिष्ठ वक्ता, डॉ.शमसुल हक ने कहा कि बाबा साहेब का कहना था कि शिक्षा हमारे सर्वांगीण विकास का माध्यम है। संचालन, पीयूसीएल के जिला सचिव, डॉ.रमेश कुमार,धन्यवाद ज्ञापन पूर्व जिला सचिव मनोज कुमार ने किया। कार्यक्रम में पंकज,डॉ.राजेश कुमार चंदेल,डॉ.श्याम चंद्र गुप्त,रामचंद्र साह,जगदेव प्रसाद,अंजनी कुमार सिन्हा, डॉ. अमित कुमार मिश्रा, सुनील तिवारी, इमरान कुरैशी, पवन कुमार,लालजी साह, आनंद कुमार अरुण,नवीन कुमार मिश्र,रा. वि. एडु. सोसाइटी के राधाकांत देवनाथ, सुब्रत बनिक, संजय शर्मा आदि की सक्रिय भागीदारी रही। वहीं परिसंवाद के खुले सत्र में रीड संस्था के दर्जनों छात्र-छात्राएं अपने प्रश्नों और डाउट्स का अतिथि वक्ताओं से जवाब प्राप्त कर लाभान्वित हुए।
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