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बड़े ही धूमधाम से मनाई गई बलिया के सपूत पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय चंद्रशेखर जी की जयंती

धनंजय शर्मा

बलिया।समाजवादी पार्टी बांसडीह बलिया के तत्वाधान में स्थानीय आदित्य लाज पर महान पदयात्री, बलिया के सपूत पूर्व प्रधानमंत्री स्व.चंद्रशेखर जी की जयंती बड़े ही धूम धाम से मनाई गई। विधानसभा क्षेत्र सभी इलाकों से पहुंचे हजारों लोगों ने अपने जनपद के स्वाभिमान के प्रतीक कभी युवातुर्क के नाम से चर्चित जन नायक को नमन किया।और वर्तमान राजनीतिक परिपेक्ष में चंद्रशेखर की सर्वभौमिक स्वीकार्यता विषय पर गोष्ठी किया गया।

विचार गोष्ठी में वक्ताओं ने कहा कि चंद्रशेखर जी की स्वीकार्यता सार्वभौमिक रही हैं परन्तु पिछले कुछ दिनों से स्व.चंद्रशेखर जी के तथा कथित राजनीतिक उत्तराधिकारियों ने उन्हीं ताकतों के साथ कदमताल शुरू कर दिया जिनके खिलाफ चंद्रशेखर ने आजीवन संघर्ष किया। चंद्रशेखर जी के राजनीतिक वारिस होने का ढोंग रचने वाले लोग आज अपने निहित स्वार्थ में चंद्रशेखर के विचारों, सिद्धांतों राजनीतिक सोच को तिलांजलि देकर सांप्रदायिक ताकतों के गोद में खेल रहे है जिससे चंद्रशेखर जी के सिद्धांत कमजोर पड़ रहे हैं।

कार्यक्रम के मुख्य वक्ता सपा के राष्ट्रीय सचिव, पूर्व नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने अपने संबोधन में सर्व प्रथम इस आयोजन हेतु क्षेत्र पार्टी संगठन और कार्यकर्ताओं को साधुवाद दिया और कहा कि आज 17 अप्रैल को हम लोग एक ऐसे राजनेता (पूर्व प्रधानमंत्री चन्द्रशेखर) की जयंती मना रहे हैं, जिसने जीवन पर्यन्त जो कहा उस पर अडिग रहा। लेकिन इस देश का दुर्भाग्य देखिए कि आज के दौर के नेता रोज अपनी बात बदलने में माहिर हैं। झूठ बोलने में माहिर हैं। चंद्रशेखर जी कहते थे मैं चुनाव हार जाऊंगा वह मंजूर है लेकिन झूठ नहीं बोलूंगा। अपनी नीतियों से समझौता नहीं करूंगा। वहीं, एक आज का दौर है। चुनाव में सफलता के लिए किसी भी स्तर तक गिरने के लिए नेता तैयार हैं। ऐसे समय में जब सत्ता की खातिर नीतियों और सिद्धांतों की बलि दी जा रही है। लोकतांत्रिक परंपराओं पर बेड़ियां डाली जा रही, सामाजिक समरसता में जहर घोला जा रहा हैं,संवादहीनता बढ़ती जा रही है। तब अपने अविभावक,नेता और गुरु चंद्रशेखर जी की याद सबसे अधिक आती है।

पूर्व नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने कहा कि आज के दौर में चंद्रशेखर जी के सिद्धांत और अधिक प्रासंगिक हैं जब देश की संपदा चंद पूंजीपति मित्रो को सौंपने का काम देश का नेतृत्वकर्ता कर रहा हो,देश में धर्म के नाम पर नफरत फैलाई जा रही हो,समाज के अंतिम व्यक्ति को छलने का कम सत्ता कर रही हो,संविधान को कुन्द किया जा रहा हो,अन्याय के खिलाफ उठने वाली आवाजों को सत्ता हाथियों से दबाने का प्रयास हो रहा हो ऐसे समय में चंद्रशेखर जी के विचारों से प्रेरणा लेकर ही दमनकारी शक्तियों से लड़ा जा सकता है।

रामगोविन्द चौधरी ने कहा कि स्व.चंद्रशेखर जी मेरे लिए सिर्फ एक नेता नहीं थे बल्कि वह मेरे लिए अभिभावक थे समाजवाद का पाठ मैने उनके सानिध्य में पढ़ा हैं और आजीवन इसपर चलने की सीख भी उन्हीं से लिया हूं। जबतक शरीर में प्राण रहेगा तबतक चंद्रशेखर के विचारों के रक्षा हेतु लड़ता रहूंगा।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जिला पंचायत के पूर्व अध्यक्ष श्याम बहादुर सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि चंद्रशेखर जी अपने विचार पर अडिग रहने वाले भविष्य ज्ञाता नेता थे और वह जानते थे कि मेरे न रहने पर समाजवादी विचारधारा को अगर कोई व्यक्ति मजबूती से अडिगता पूर्वक आगे बढ़ा सकता था तो वह व्यक्ति मुलायम सिंह यादव ही है इसी लिए उन्होंने समाजवादी पार्टी के गठन का निर्देश भी दिया था और मुलायम सिंह यादव ने भी उस रिश्ते को जीवनपर्यंत निभाया और कभी भी चंद्रशेखर जी के खिलाफ सपा का उम्मीदवार नहीं लड़ाया।

समाजवादी पार्टी के प्रदेश सचिव राणा प्रताप सिंह ने कहा कि चंद्रशेखर जी के विचारों का असली ध्वजवाहक रामगोविन्द चौधरी ही है। यह कार्यक्रम आयोजित करने के लिए क्षेत्रीय समाजवादी साथी साधुवाद के पात्र हैं।

इस अवसर पर सपा जिला अध्यक्ष/विधायक संग्राम सिंह यादव,यशपाल सिंह, सुशील पाण्डेय"कान्हजी" नागेन्द्र बहादुर सिंह "झुन्नू"डा.हरिमोहन सिंह,लाल साहब सिंह,संकल्प सिंह,आशीष सिंह, राजेश सिंह राजू, संतोष सिंह,अमित सिंह, छीतेश्वर सिंह,विकेश सिंह सोनू,अभय सिंह, हरेंद्र सिंह,शिव नारायण सिंह,शारदा नंद सिंह, डी.एन.सिंह,भिखारी सिंह,सुजीत सिंह परिहार,धनंजय सिंह बिसेन,रोहित सिंह, परमात्मा नन्द सिंह,पप्पू सिंह आदि उपस्थित रहे।

अध्यक्षता पार्टी के क्षेत्रीय अध्यक्ष उदय बहादुर सिंह ने किया।

India khabar
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