बरेली, उत्तर प्रदेश।
दरगाह-ए-आला हज़रत के सज्जादानशीन व तहरीक-ए-तहफ़्फ़ुज़-ए-सुन्नियत (टी.टी.एस) के कुलहिन्द सदर हज़रत मुफ़्ती मुहम्मद अहसन रज़ा ख़ाँ क़ादरी(अहसन मियां) की सरपरस्ती में टी.टी.एस के ज़िम्मेदारान की एक अहम् बैठक हुई। इस मौके पर मुफ्ती अहसन मियां ने अपनी इल्मी सलाहियत के साथ हाज़रीन से मुख़ातिब होते हुए फ़रमाया मौजूदा वक़्त के फित्नों और चालाकियों के पेशे-ए-नज़र हम सब पर ज़रूरी है कि अकीदा-ए-हक, मसलक-ए-आला हज़रत पर एक राय होकर,एक मुट्ठी की तरह,फिक्र-ए-रज़ा को अपनी पहचान बनाते हुए दीन की ख़िदमत और तब्लीग़(प्रचार) का फ़रीज़ा अदा करते रहे। जब बंदा अल्लाह और उसके रसूल के बताये हुए रास्तों पर चले,तो अल्लाह तआला अपनी मदद से नवाज़ता है। मगर इस मदद को हासिल करने के लिए हमे अपनी ज़िंदगी को शरीअत के मुताबिक़ ढालना होगा, सख़्ती से शरीअत की पाबंदी करनी होगी और इत्तिहाद के साथ उम्मत-ए-मुस्लिमा की भलाई के लिए काम करना होगा। आगे कहा कि आज के इस पुर-फित्न दौर में हमे अपनी इबादतगाहों,मदारिस,और औलिया-ए-कामिलीन के मुबारक आस्तानों की हिफाज़त के लिए अल्लाह की बारगाह में ज़्यादा से ज़्यादा इबादत करनी होगी। मसाजिद को आबाद करना होगा और दिल से तौबा करते हुए अपने आमाल की इस्लाह करनी होगी। इंशा'अल्लाह, जब हम सच्चे दिल से अल्लाह की तरफ़ रुजू करेंगे,तो उस पाक ज़ात की तरफ से मदद ज़रूर नाज़िल होगी।
इस बैठक में मुल्क के दूसरे शहरों से उलमा-ए-किराम,मुफ़्ती, कारी और मोहिब्बान-ए-आला हज़रत शामिल हुए जिनमें ख़ास तौर पर बदायूं से मौलाना मंज़र हसन,रामपुर से मुफ़्ती ग़ुल्फ़ाम,मुरादाबाद से क़ारी इक़बाल,कारी यूसुफ़ रज़ा संभली, शिकोहाबाद से मौलाना सलीम,आगरा से मौलाना मसरूर,मौलाना ज़िक्रुल्लाह,मौलाना ज़ाहिद रज़ा,मौलाना बशीर अल-क़ादरी, सलाहुद्दीन अय्यूबी,परवेज़ नूरी,अजमल नूरी, नासिर कुरैशी, शाहिद नूरी,औरंगज़ेब नूरी, ताहिर अल्वी, मंज़ूर रज़ा, हाजी शारिक नूरी, डॉ. माजिद ख़ान,साजिद नूरी,नईम नूरी,इशरत नूरी,आले नबी,सय्यद नाजिब,सय्यद ऐजाज़,ज़ोएब,
शबलू अल्वी,आरिफ़ रज़ा,मुजाहिद बेग,काशिफ़ सुब्हानी,सोहेल रज़ा, रूमान रज़ा,आक़िब रज़ा,ज़ीशान कुरैशी आदि लोग मौजूद रहे।
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